Uttarakhand Assembly Election 2022: एक दूसरे के राजनीतिक दुश्मन कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) के बीच दूरियां कम होती नजर आ रही है. हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं के रिश्तों पर जमा बर्फ पिघलने लगी है. दोनों नेताओं की आज फोन पर हुई बातचीत में यह साफ कर दिया कि दोनों के बीच खटास कम हो रही है. 


दरअसल, आपदा ग्रस्त गांव का दौरा करने निकले हरीश रावत ने हरक सिंह रावत से फोन पर बात की थी. हरीश रावत ने हरक सिंह से प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की थी. इस दौरान उन्होंने सांप और नेवले का उदाहरण भी दिया था. हरीश रावत ने फोन पर कहा, "आपदा के समय सांप और नेवला भी एक हो जाते हैं." हालांकि यह बातचीत आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में गांव के विस्थापन को लेकर थी, लेकिन जिस अंदाज से दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है उससे कई तरह की चर्चाएं की जा रही है. 


माना यह भी जा रहा है कि हरक सिंह रावत की हरीश रावत से नजदीकियां उत्तराखंड की सियासत में बड़ा फेरबदल कर सकती है. हरीश रावत ने जिस तरह से सांप और नेवले का उदाहरण देकर हरक सिंह रावत को समझाने की कोशिश की है इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.


कहा जाता है कि साल 2016 में हरीश रावत सरकार गिराने की पटकथा हरक सिंह रावत ने ही लिखी थी. इसलिए हरीश रावत उसी वक्त से हरक सिंह रावत से बहुत ज्यादा खफा थे, लेकिन चुनावों के करीब आते ही दोनों नेताओं की नज़दीकियां फिर बढ़ रही है.



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