Uttarakhand Global Investors Summit News: उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश पर हस्ताक्षर हुए थे. उन्होंने धामी सरकार को पुराने एमओयू पर भी काम करने सी सलाह दी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने एमओयू पर 40 फीसद काम हुआ. सरकार को चाहिए कि बाकी के पेंडिंग पड़े कामों पर भी ध्यान दे.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री बोले
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने प्रतिक्रिया दी है. चमोली ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के दौरान एमओयू साइन हुए हैं. ऐसे में यदि उनकी तरफ से तमाम एमओयू को आगे बढ़ाने के लिए अप्रोच किया जाएगा तो राज्य सरकार निश्चित रूप से काम करेगी. गौरतलब है कि उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराने के लिए धामी सरकार जोर शोर से लगी हुई है. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विदेशी दौरे कर रहे हैं.
पुराने एमओयू को धरातल पर उतारने की दी सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में करीब एक लाख 25 हजार का करार हुआ था. अभी तक पुराने एमओयू का 40 हजार करोड़ धरातल पर उतारे गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पहले इन्वेस्टर्स समिट के एमओयू पर कितना काम हो पाया. दिसंबर महीन में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है. इस बार उत्तराखंड सरकार ने दो लाख करोड़ के एमओयू करने का लक्ष्य रखा है. 55 हजार करोड़ के निवेश पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. धामी सरकार निवेशकों को पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है. पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश रोजगार के अवसर बढ़ाने का काम करेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी त्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाना चाहते हैं.
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