(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: योगी सरकार के फैसले की पूर्व कांग्रेस नेता ने जमकर की तारीफ, जानें क्या कहा
पूर्व कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं और प्रशंसा करता हूं कि उन्होंने लव जिहाद पर एक कठोर कानून बनाया है.
UP Assembly Monsoon Session 2024: यूपी विधानसभा में लव जिहाद को लेकर कानून पास हुआ है. इस फैसले का पूर्व कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने स्वागत किया है और कहा है कि कोई भी धर्मग्रंथ हमें झूठ बोलने की इजाजत नहीं देता. उन्होंने अपने बयान के जरिए योगी सरकार द्वारा लाए गए कानून की जमकर तारीफ की है.
प्रमोद कृष्णम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार ने जो फैसला लिया है, वो संविधान और सांस्कृतिक व राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत अच्छा है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. हर धर्म, धर्मग्रंथ व महापुरुष ने कहा है कि हमेशा सच बोलो. ऐसे में झूठ बोलकर रिश्ता बनाना ठीक नहीं है. इस फैसले को लेकर मैं योगी सरकार की सराहना करना चाहता हूं."
सीएम योगी को धन्यवाद
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं और प्रशंसा करता हूं कि उन्होंने लव जिहाद पर एक कठोर कानून बनाया है. एक सवाल के जवाब में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जहां लव है, वहां जिहाद नहीं हो सकता और जहां जिहाद है, वहां लव नहीं हो सकता.
इसके अलावा उन्होंने सपा नेता शिवपाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जिसके नाम में शिव है उन्हें तो विषपान करना ही पड़ेगा. बता दें कि कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम 30 जुलाई को देवरिया जिले के भुजौली कॉलोनी में पहुंचे, वहां पर उनके भक्तजनों ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया.
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पहले दस साल की सजा थी
गौरतलब है कि मंगलवार को यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई. विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन से मंजूरी मिली है. यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021 पारित किया था. पहले विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था.
संशोधन के जरिए पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है. नए प्रावधानों के अनुसार किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, अनुसूचित जनजाति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा.