UP Politics: सपा महासचिव आजम खान से हमदर्दी पर कांग्रेस में दो फाड़ हो गया है. पिछले दिनों यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय जेल में बंद आजम खान से मिलने गए थे. जेल नियमों का हवाला देकर अजय राय को बैरंग लौटा दिया गया. अब कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो की प्रतिक्रिया सामने आई है. रामपुर नवाब घराने की बहू बेगम नूर बानो हमदर्दी के पीछे राजनीति मानती हैं. उनका कहना है कि अजय राय यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. इसलिए हमदर्दी के बहाने राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने आजम खान से सामाजिक या राजनीतिक रिश्ते को नकार दिया.
आजम खान की वजह से कांग्रेस में गुटबाजी
बेगम नूर बानो कानूनी मामले का हवाला देकर ज्यादा बोलने से बचती हुई नजर आईं. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहना. इंसान घर से मिली तरबियत के मुताबिक जिंदगी जीता है. बेगम नूर बानो निजी तौर पर किसी के लिए बुरा नहीं चाहतीं. उन्होंने रामपुर के हर शख्स को अपना बताया. बता दें कि बेगम नूर बानो रामपुर से दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. पति नवाब ज़ुल्फेकार अली खान उर्फ मिक्की मियां पांच बार रामपुर से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं.
वरिष्ठ नेता ने इमरजेंसी का दौर किया याद
रामपुर में आजम खान हमेशा नवाब घराने के राजनीतिक विरोधी रहे हैं. मुतिउर्रहमान उर्फ बबलू मियां ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. उनका कहना है कि आजम खान इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद थे. उसी समय से आजम खान कांग्रेस के विरोधी बन गए. उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बारे में कई बार आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. रामपुर में आजम खान के निशाने पर नवाब ज़ुल्फेकार अली खान उर्फ मिक्की मियां और बेगम नूर बानो रहे हैं. इसलिए हम आजम खान से कभी हमदर्दी नहीं कर सकते.
अजय राय की हमदर्दी पर रामपुर का पक्ष
उन्होंने कहा कि आजम खान का समर्थन करने के लिए आलाकमान से निर्देश नहीं मिला है. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का समर्थन देना व्यक्तिगत मामला हो हो सकता है. रामपुर के कांग्रेस नेताओं को आजम खान से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने बताया कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस का गठबंधन था. उस समय भी बेगम नूर बानो चुनाव प्रचार में नहीं निकली थीं. इसलिए आजम खान से रामपुर के नवाब घराने का विरोध जाहिर है.
अजय राय सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने गये थे. लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी. सूत्रों के मुताबिक अजय राय आजम खान से हमदर्दी जताकर एक तरफ मुस्लिम वोट को कांग्रेस के पक्ष में करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ पूर्वांचल में मुस्लिमों के बीच अपनी छवि सुधारना चाहते हैं. लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं को लगता है कि आजम खान से ज्यादा हमदर्दी जताना फायदा के बजाय नुकसान हो सकता है और हिंदू वोटों का धुर्वीकरण हो जायेगा. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पिछली बार भी आजम खान से सीतापुर जेल में कई नेता मिलने गये और रामपुर में उनके परिवार से भी मिले थे.
उस समय आजम खान को सपा से खफा बताया जा रहा था. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद आजम खान सपा में रहे. आजम खान से हमदर्दी जतानेवाले नेताओं को मायूसी हाथ लगी थी. इसलिए आजम खान और सपा के बीच में बोलना या हमदर्दी जताना समझदारी नहीं है. दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो इंडिया गठबंधन की दो प्रमुख पार्टी सपा और कांग्रेस के बीच यूपी में दरार काफी बढ़ चुकी है. दरार को पाटने की पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव कोशिश कर रहे हैं.
अखिलेश यादव को इंडिया गठबंधन में बनाए रखने की कोशिश जारी है. पंजाब में इंडिया गठबंधन की दो प्रमुख सहयोगी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि यूपी में बसपा के इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने से कांग्रेस नेताओं को लगता है कि सपा के मुकाबले मुनाफे का सौदा होगा. बसपा का दलित, मुस्लिम, ओबीसी और ब्राह्मण वोट कांग्रेस के साथ आ जाने पर इंडिया गठबंधन बीजेपी को बड़ा झटका दे सकता है.
अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस को सीट बंटवारे में भी दिक्कत आ सकती है. हालांकि सीट बंटवारे का विवाद सर्वे कराकर सुलझाने की बात तय हुई है. फिलहाल आजम खान के मुद्दे पर कांग्रेस के नेताओं में एक राय दिखाई नहीं दे रही है. रामपुर में कांग्रेस नेता आजम खान के विरोधी हैं. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समर्थन में हैं. आजम खान से हमदर्दी जताकर अजय राय सुर्खियां बटोर चुके हैं. कांग्रेस नेताओं की आजम खान से हमदर्दी सपा नेताओं को पसंद नहीं है. अखिलेश यादव से लेकर सपा सांसद डॉ एसटी हसन तक आजम खान से हमदर्दी पर सवाल उठा चुके हैं.