नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2011 में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा था। वर्ल्ड कप को जीतने का श्रेय युवराज सिंह को भी जाता है। शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी मिला था। इस टूर्नामेंट में एक मैच के दौरान युवराज सिंह को खून की उल्टियां भी हुई थी, लेकिन उसके बावजूद युवराज ने खेलना जारी रखा था।
भारत ने ये मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 20 मार्च 2011 को खेला था। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। पारी की शुरुआत करने आए सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर सस्ते में आउट हो गए। भारत की लड़खड़ाई टीम को संभालने आए युवराज सिंह।
युवराज सिंह ने पारी को संभालते हुए शानदार शतक जड़ दिया था। युवराज इस मैच में 123 गेंदों में 10 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 113 रन बनाकर आउट हुए थे। इस पारी के दौरान ऐसा भी हुआ जब युवी के मुंह से खून निकलने लगा। इसके बावजूद उन्होंने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों का सामना किया और शानदार शतक जड़ अपनी टीम को संकट से उबारा। दरअसल, युवी को लगा शायद गर्मी के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई। हालांकि बाद में पता चला कि उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी थी। युवराज सिंह ने पूरा टूर्नामेंट खेला और भारत को विश्व विजयी बनाया।
कैंसर से इलाज कराने के बाद साल 2014 में उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू मे उन्होंने कहा, 'मुझे पहले लगा था कि ये चेन्नई की गर्मी की वजह से हुआ है। मैं हमेशा से वर्ल्ड कप में शतक चाहता था, लेकिन कभी नहीं हुआ था, क्योंकि मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी करता था। सहवाग जब बाहर हुए तो मैंने ये फैसला किया मैं ऊपर खेलूंगा और बड़ी पारी खेलूंगा। जब उल्टियां हुईं तो मैंने भगवान से प्रार्थना की कि जो भी हो जाए, यहां तक कि मैं मर जाऊं फिर भी भारत वर्ल्ड कप जीतना चाहिए।'
वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप के आखिरी लीग मैच को जीतकर भारत ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया और फिर पाकिस्तान को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर खिताब कर कब्जा किया।
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