दिन में चुनावी रैली और रात में कर्फ्यू, जानिए- इस मुद्दे पर क्या बोले पूर्व सीईसी एसवाई कुरैशी
पूर्व निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने चुनावों में रैलियों को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि चुनाव के तारीखों के एलान के साथ ही कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए चुनावी रैलियों पर पाबंदी लगनी चाहिए.
Assembly Election 2022: पूरे देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. वहीं पिछले 24 घंटों में पूरे देश से 33750 कोरोना से संक्रमित मरीज पाए गए हैं. इन नए मरीजों के मिलने से भारत में सक्रिय मरीजों की संख्या 145582 तक पहुंच गई है, जबकि पूरे देश में ओमिक्रोन मरीजों की संख्या 1700 पर पहुंच गयी है.
वहीं इन बढ़ते हुए मामलों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनावों की तैयारियों को लेकर अंतिम रूप दे रहा है. विधानसभा चुनावों का बिगुल बजते ही सभी पार्टियां मतदाताओं को साधने में लगी हुई हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए रैलियां निकाल रहीं हैं. इन रैलियों में भारी भीड़ इकठी हो रही है. जिसके बाद कोरोना जैसी ममाहमारी को देखते रैलियों में इकट्ठी होने वाली भारी भीड़ पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
ऐसे में इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर पूर्व निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि, "चुनाव के तारीखों के एलान के साथ ही कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए चुनावी रैलियों पर पाबंदी लगनी चाहिए."
उन्हों ने इस मुद्दे पर आगे कहा कि, "हालांकि इस महामारी के दौरान बहुत से देशों में आम चुनाव हुए हैं. बिहार से बंगाल तक, केरला से तमिलनाडु तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं. वहीं अगर यह चुनाव कोविड-19 के दिश-निर्देशों का पालन करते हुए कराय जाये तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन ऐसे में रैलियां निकालना खतरनाक है. यह बंद होना चाहिए." उन्होंने नाईट कर्फ्यू पर कहा कि, "दिन में रैलियां करना और रात में कर्फ्यू लगाने से कोई फायेदा नहीं है. यह इस बीमारी को रोकने का हल नहीं है और ना ही इसकी वजह से संक्रमण रुकने वाला है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का किरदार ऐसे हालत में बाद में आएगा, जब चुनावों का एलान होगा और इन चुनावों की आचार संहिता लागू होगी. उससे पहले इस महामारी को रोकने के लिए सरकारों को जरुरी कदम उठाना चाहिए. कई राज्य सरकारों ने नाईट कर्फ्यू लगा दिया है. सरकार को इन रैलियों को रोकना चाहिए. चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग को सबसे पहले इन सभाओं पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.