लखनऊ: फतेहपुर खनन घोटाले के मामले में ईडी के सवालों से बचने के लिए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति तमाम हथकंडे आजमा रहे हैं. गायत्री की पूछताछ का शनिवार को तीसरा दिन है और वह 30 से अधिक बहाने गढ़ चुके हैं. सिरदर्द, पेट दर्द, चक्कर आने, बातें भूल जाने, गश खाकर कुर्सी से लुढ़कने जैसे उनके तमाम बहानों से ईडी के अफसर भी आजिज आ गए हैं.


अधिकारियों को खूब छकाया


खनन घोटाले में 7 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर आए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति जांच और पूछताछ में जरा भी सहयोग नहीं कर रहे हैं. शुक्रवार को उन्होंने दिनभर ईडी के अफसरों को छकाया. बेनामी संपत्तियों को लेकर पूछे गये सवालों पर कभी पेट तो कभी सिर में तेज दर्द होने का बहाना बनाकर लेट गये. थोड़ा वक्त बीतने के बाद कुछ संभले तो अधिकारियों ने फिर सवालों का सिलसिला शुरू किया. हालांकि, गायत्री हर सवाल से बचने की कोशिश करते रहे. गायत्री ने ईडी के अफसरों को खूब गुमराह किया. बोले कि चार साल से जेल और अस्पताल में रहते हुए उन्हें कुछ भी याद नहीं है.


सैकड़ों करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां किसने खरीदी और उनके दस्तावेज गायत्री की कंपनी के दफ्तर में कैसे मिले? इस मामले की जरा भी जानकारी नहीं है.


फंसाने की कोशिश की जा रही है


आपको बता दें कि, फतेहपुर खनन घोटाले के बाद गायत्री के खिलाफ ईडी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस भी दर्ज किया है, जिसके तहत उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. सूत्रों की माने तो ईडी के अफसरों को गायत्री ने केवल चंद सवालों के जवाब ही दिए और बाकी को बीमार होने का बहाना बनाकर टाल दिया. गायत्री के लिए नजदीकी रेस्टोरेंट से खाना भी मंगवाया गया जिसे उन्होंने खाने से मनाकर दिया. गायत्री बस यही कहते रहे कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है. उनका खनन घोटाले से कोई वास्ता नहीं है.


हालांकि जब उनसे संपत्तियों के बारे में सवाल होने लगे तो वह निढाल हो गये. शुक्रवार शाम गायत्री का मेडिकल चेकअप भी कराया है. चेकअप में गायत्री को फिलहाल कोई समस्या नहीं पाई गई है. शनिवार को गायत्री का उनके परिजनों से आमना-सामना कराया गया. ईडी ने गायत्री से उनके परिजनों के सामने ही सवाल-जवाब किये.


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