आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा में अभी गंगाजल पूरी तरह से लोगों के घर भी नहीं पहुंचा है, उससे पहले ही सरकार के सहकारी बैंक के चेयरमैन व पूर्व मंत्री महेंद्र अरिदमन सिंह ने करोड़ों के इस गंगाजल प्रोजेक्ट पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं। उनका कहना है गंगाजल आने की तो बधाई है, लेकिन 2026 के बाद यह प्रोजेक्ट कारगर नहीं होगा। उनके अनुसार 500 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी जब लोगों को 2026 के बाद पानी नहीं मिलेगा, तो इस योजना का क्या फायदा। वहीं, इस सवाल के बाद सत्ताधारी विधायकों ने पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह के इस बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनको प्रोजेक्ट की कोई जानकारी ही नहीं है।


जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता राजा महेंद्र अरिदमन​ सिंह ने कहा कि ताजनगरी के घरों में गंगाजल पहुंच रहा है, यह भाजपा सरकार की बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों का धन्यवाद करता हूं । मगर अब मिशन 2026 शुरू करना होगा, क्योंकि जिस तेजी से शहर की जनसंख्या बढ़ रही है, यह गंगाजल 2026 तक ही शहर की जनता की प्यास बुझा पाएगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस समय 140 क्यूसिक गंगाजल की आपूर्ति शहर में हो रही है। यह प्रोजेक्ट 2016 में पूरा होना था, लेकिन काफी प्रयासों और करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद अब यह प्रोजेक्ट पूरा हो पाया है।


इसी दौरान अपनी ही सरकार के इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से आगरा की जनसंख्या और आबादी का क्षेत्र बढ़ रहा है, इसके हिसाब से 140 क्यूसिक गंगाजल 2026 के बाद पूरे ​शहर की प्यास नहीं बुझा पाएगा।  इसके साथ ही, उन्होंने एक सलाह भी दे डाली। उनके अनुसार,  इस समस्या के लिए यमुना बैराज एक बड़ा प्रोजेक्ट है। हमें इस प्रोजेक्ट पर ध्यान देना होगा और इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए काम करना होगा, जिससे इसे समय से पूरा किया जाए। इसके साथ ही, अन्य विकल्पों की भी तलाश की जाए।


आगरा के वो विधायक, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए वर्षों लगा दिए । जो 2012 से ही आगरा में गंगाजल लाने के लिए प्रयासरत थे और अब जाकर उनको सफलता हाथ लगी। जब उनसे पूर्व मंत्री के सवालिया निशान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह के अनुसार ये प्रोजेक्ट अधूरा है, यह सिर्फ 2026 तक ही शहर को गंगाजल उपलब्ध करा पायेगा। इस पर बीजेपी के विधायकों ने कहा कि पूर्व मंत्री साहब को कोई जानकारी ही नहीं है। उनके अनुसार जब तक गंगा है तब तक गंगाजल है ।


बहरहाल, एक बात तो तय है कि अभी ताज नगरी आगरा को गंगाजल की सौगात पूरी तरह से मिल भी नहीं पाई है कि उससे पहले ही गंगाजल पर राजनीति जरूर शुरू हो गई। अब देखना यह होगा कि इस राजनीति का परिणाम आगे क्या निकलता है?



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