Meerut News: पीएम मोदी और योगी पर हार का ठीकरा फोड़कर चर्चाओं में चल रहे कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर पूर्व मंत्री और सपा विधायक शाहिद मंजूर ने बड़ा बयान दिया है.उनका कहना है कि ओम प्रकाश राजभर ज्यादा टिकाऊ आदमी नहीं हैं. कभी हमारे साथ तो कभी हमसे अलग. वो आवागमन करते रहते हैं कभी यहां तो कभी वहां. 


मेरठ की किठौर विधानसभा सीट से सपा विधायक और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने राजभर पर चुटकी ली. बोले वो अच्छे आदमी हैं क्रांतिकारी हैं, क्रांति लिखते हैं. उनकी नेचर क्रांति की है तो यहां भी क्रांति ही लिखेगे. उनका इशारा बीजेपी से गठबंधन की तरफ था. विधायक शाहिद मंजूर ने कहा कि राजभर को लगता है कि एक जगह रहने से काई लग जाती है तो वो आवागमन करते रहते हैं. यानि सपा विधायक ने कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा.


'मोदी है मुमकिन ने मसला खराब किया'
पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ ही बीजेपी को भी निशाने पर ले लिया. कहा...बीजेपी की पॉलिसी फेल हुई और यही हार का कारण बनी. मोदी है तो मुमकिन है के नारे ने तो मसला ही खराब कर दिया. जनता को इंडिया गठबंधन ज्यादा पसंद आया और खूब वोट मिली, जबकि बीजेपी 400 पार का जुमला लेकर चल रही थी और जनता ने उसे नकार दिया.


'यूपी की कई सीट बीजेपी के लिए दुखदाई रही'
लोकसभा चुनाव में बीजेपी कई महत्वपूर्ण सीटें हारी है. इस पर भी शाहिद मंजूर ने बड़ी बात कही. बोले पांच सात सीट बीजेपी की दुखदाई रही. अयोध्या हार गए. वहां नारा चला कि "न मथुरा न काशी अबकी बार अवधेश पासी" और हम चुनाव जीते. अमेठी में स्मृति ईरानी की हार पर उनका नाम लिए बिना कहा कि एक वो बहुत बोलने वाली थी राहुल गांधी के कार्यकर्ता से हार गई. कल्याण सिंह के बेटे भी चुनाव हारे. गठबंधन को इस बार जनता ने भरपूर वोट देखकर बीजेपी को सबक सिखाया.


'जिस मुजफ्फरनगर के लिए मोदी आए वहां बालियान हार गए'
शाहिद मंजूर ने पश्चिमी यूपी की सीटों का भी जिक्र किया. खास तौर से मुजफ्फरनगर लोकसभा का. बोले जिस मुजफ्फरनगर के लिए मोदी आए वहां बालियान हार गए. जब उनसे पूछा गया कि वहां गठबंधन की जीत का क्या फैक्टर रहा तो बोले, हमारे प्रत्याशी की लोकप्रियता इतनी बड़ी थी कि चुनाव जीतना ही था. संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच चल रहे घमासान पर जब उनसे सवाल किया तो बोले, संयम रखना चाहिए, मैं भी चुनाव हारा हूं, इस मुजफ्फरनगर में सर्वमान्य नेता भी चुनाव हारे थे.


'पांच हजार वोट और मिलते तो रामायण के राम भी हार जाते'
पश्चिमी यूपी में मेरठ से सटी मुजफ्फरनगर, कैराना, सहारनपुर सीट गठबंधन जीत गया. लेकिन मेरठ सीट पर गठबंधन को हार मिली. इस हार की टीस भी शाहिद मंजूर के मन में दिखी. बोले, पांच हजार वोट हमें और मिल जाती तो रामायण के राम हार जाते. जब उनसे हार के कारणों पर बात की तो बोले हमें समय कम मिला, 87 हजार वोट बीएसपी को चली गई. उनमें से 10 हजार वोट और हमारी तरफ रह जाती हम जीत जाते. 


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