Congress Leader Ambareesh Kumar Passed Away: हरिद्वार में भाई जी के नाम से विख्यात पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अम्बरीष कुमार का मंगलवार रात को निधन हो गया. निधन से उनके चाहने वालों को बड़ा झटका लगा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की ओर से किच्छा विधायक राजेश शुक्ला और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह हरिद्वार पहुंचे और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर इसे राजीनीति पर गहरा आघात बताया.


बेटी ने दी मुखाग्नि
अम्बरीष कुमार के राजनीतिक जीवन का एक लंबा इतिहास रहा है. अपने साथियों के लिए मर मिटने वाले अम्बरीष कुमार उत्तर प्रदेश विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरुस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं. अम्बरीष कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे. पूर्व विधायक काफी समय से बीमार चल रहे थे और लगभग दो महीने अस्पताल में भी भर्ती रह चुके थे. देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली. आज उनका अंतिम संस्कार किया कनखल श्मशान भूमि पर किया गया जहां उनकी बेटी प्रियमवता गोयल ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया है.


 8 बार लड़ा चुनाव
यूपी में मंत्री रहे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को चुनौती देने वाले कांग्रेसी नेता अम्बरीष कुमार 50 साल से राजनीति में सक्रिय थे. 70 साल से ज्यादा उम्र के अम्बरीष कुमार 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं. अगर कांग्रेस ने चार बार उनका टिकट ना काटा होता तो ये आंकड़ा और बड़ा होता. लेकिन, 8 बार में वो सिर्फ एक बार जीते हैं. हरिद्वार में उनकी राजनीतिक जमीन कितनी मजबूत रही है, ये इससे पता चलता है कि आठ में से 6 चुनावों में दूसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर जनता दल और समाजवादी पार्टी होते हुए फिर से उन्हें कांग्रेस में ले आया.


इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर ज्वाइन की कांग्रेस
हरीश रावत के बाद वो उत्तराखंड कांग्रेस के ऐसे दूसरे नेता हैं जिन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी तीनों के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है. हरिद्वार के अच्छे कपड़ा व्यापारी परिवार में जन्मे अम्बरीष कुमार ने 1971 में तभी कांग्रेस को ज्वाइन किया था जब पूरे देश में इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर नौजवानों ने कांग्रेस का हाथ थामा था. साल भर के भीतर ही 1972 में वे हरिद्वार के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने. कांग्रेस के प्रति झुकाव उन्हें परिवार से विरासत में मिला था. 


कांग्रेस के लिए अपूर्णीय क्षति
बताते हैं कि उनके चाचा ओमप्रकाश स्वतंत्रता सेनानी और महात्मा गांधी के बेटे प्रभुलाल गांधी के बेहद करीबी थे. लेकिन, अम्बरीष कुमार को राजनीति की असली शिक्षा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता राजेन्द्र कुमार गर्ग से मिली. प्रीतम सिंह द्वारा भी नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. उन्होंने अम्बरीष कुमार के इस तरह चले जाने को कांग्रेस के लिए अपूर्णीय क्षति बताया.



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