UP News: उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने बड़ा दांव खेला है. पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष बना दिया है. इसके अलावा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के करीबी नरेन्द्र खजूरी को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है.
वहीं, पूर्व विधायक बेचन राम और जीत सिंह खरवार को आयोग के उपाध्यक्ष बने है. बाराबंकी के बैजनाथ रावत अनुसूचित जाति से हैं. वह लोकसभा चुनाव में बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे. राज्यपाल की सहमति के बाद इन नामों का ऐलान किया गया है. आयोग में 3 महिलाओं को भी जगह दी गई है.
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इन्हें मिली जिम्मेदारी
समाज कल्याण विभाग की ओर से इसकी सूची जारी की गई है. आयोग में 17 सदस्य बनाए गए हैं. बाराबंकी जिले के पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. तो वहीं गोरखपुर के पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र के रहने वाले जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष के तौर नियुक्ति दी गई है.
इसके अलावा मेरठ के हरेंद्र जाटव, सहारनपुर के महिपाल वाल्मीकि, बरेली के संजय सिंह, आगरा के दिनेश भारत, हमीरपुर के शिवनारायण सोनकर, औरैया के नीरज गौतम, लखनऊ के रमेश कुमार तूफानी, मेरठ के नरेंद्र सिंह खजूरी, आजमगढ़ के तिजाराम, मऊ से विनय राम गोंडा और अनिता गौतम, कानपुर से रमेश चंद्र, भदोही से मिठाई लाल, बरेली से उमेश कठेरिया, लखनऊ से अजय करी, कौशांबी से जितेंद्र कुमार और अंबेडकर नगर से अनीता कमल को आयोग के सदस्य मनोनित किया गया है.
राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शुक्रवार को ही पत्र जारी कर दिया गया है. आरएलडी के नेता नरेंद्र खजूरी को भी एससी-एसटी आयोग का सदस्य बनाया गया है. नरेंद्र खजूरी की गिनती जयंत चौधरी के बेहद करीबियों में होती है. बता दें कि जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी अभी एनडीए का हिस्सा है और वह खुद केंद्र सरकार में मंत्री हैं.