प्रयागराज. लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने और उसे अगवा कराकर धमकाने के मामले में बाहुबली छवि के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें जेल से रिहा किये जाने का आदेश दिया है. हालांकि अदालत ने धनंजय सिंह को सशर्त जमानत दी है और कहा है कि इन शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत को निरस्त भी किया जा सकता है.


हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जमानत पर रिहा होने के बाद धनंजय सिंह किसी अपराध में शामिल नहीं होंगे. कोर्ट के बुलाने पर अदालत में हाज़िर होंगे. मुक़दमे के ट्रायल के दौरान पूरा सहयोग करेंगे. सबूतों से छेड़छाड़ व गवाहों पर दबाव डालने का कोई काम नहीं करेंगे.


इस वजह से मिली जमानत


धनंजय सिंह की जमानत का सबसे बड़ा आधार उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले अभिनव सिंहल का हलफनामा बना. सिंहल के हलफनामे में कहा गया कि धनंजय सिंह से उसकी सिर्फ कहा सुनी हुई थी. उसने पुलिस से सिर्फ झड़प होने की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने दबाव डालकर गलत तहरीर लिखवाई और बढ़ा चढ़ाकर मुकदमा दर्ज किया. अपहरण और रंगदारी मांगने जैसी कोई बात नहीं हुई थी. जस्टिस रमेश तिवारी की बेंच ने इसी आधार पर पूर्व सांसद धनंजय की जमानत अर्जी मंजूर कर ली और उसे जमानत पर रिहा किये जाने का आदेश दिया. यूपी सरकार की तरफ से भी कहा गया कि धनंजय ने अपनी जो क्रिमिनल हिस्ट्री पेश की है, वह सही है और उसमे किसी भी तथ्य को छिपाया नहीं गया है.


अदालत में पेश की अपनी हिस्ट्रीशीट


अपनी जमानत के समर्थन में धनंजय ने अदालत में खुद ही अपनी हिस्ट्रीशीट पेश की थी. धनंजय की तरफ से दाखिल हलफनामे में बताया गया था कि उसके खिलाफ कुल अड़तीस केस दर्ज हैं. इस अड़तीस मामलों में से चौबीस में वह बरी हो चुका है. एक मुक़दमे में डिस्चार्ज हो चुका है. चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. तीन केस सरकार की तरफ से वापस लिए जा चुके हैं. अब सिर्फ पांच मामले ही बचे हैं. धनंजय की तरफ से बचाव में यह भी कहा गया था कि उसके खिलाफ जो मामले दर्ज हुए हैं, उनमे से ज़्यादातर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते दर्ज किये गए हैं.


ये था पूरा मामला


गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने और उसे अगवा कराकर अपने घर बुलाने व धमकी देने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दस मई को गिरफ्तार किया गया था. एफआईआर जौनपुर के लाइन बाजार थाने में पीड़ित अभिनव सिंहल की तरफ से दर्ज कराई गई थी. सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज हो चुकी थी. इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी. इस मामले में धनंजय के साथ सह आरोपी बनाए गए संतोष विक्रम को पहले ही जमानत मिल चुकी है.


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