(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपीः जमीनी विवाद को लेकर मारपीट में पूर्व विधायक की मौत, बेटे ने लगाया हत्या का आरोप, विपक्ष हुआ हमलावर
लखीमपुर खीरी में हुए एक विवाद में मारपीट के बाद मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है. वहीं, इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है.
लखीमपुर खीरी, एजेंसी। जिले के सम्पूर्णानगर क्षेत्र में पूर्व विधायक निरवेन्द्र मिश्रा की रविवार को जमीन के विवाद को लेकर कथित रूप से हुई मारपीट के बाद मृत्यु हो गई. पुलिस इसे मामूली कहासुनी के बाद दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत बता रही है. वहीं पूर्व विधायक के पुत्र संजीव मिश्रा ने पुलिस पर हत्यारों से साठगांठ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि दबंगों ने उनके पिता की लाठी—डंडों से पीट—पीटकर हत्या कर दी है. विपक्ष ने इस मामले पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सम्पूर्णानगर थाने के त्रिकोलिया पढुआ गांव निवासी मिश्रा (75) का राधेश्याम गुप्ता तथा समीर गुप्ता नामक व्यक्तियों से गांव में जमीन को लेकर विवाद था. उन्होंने बताया कि रविवार को राधेश्याम अपने कुछ साथियों के साथ उस विवादित जमीन को जोतने आया था। सूचना मिलने पर पूर्व विधायक मिश्रा अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे जहां दोनों पक्षों में कहा-सुनी हुई. उन्होंने बताया कि मिश्रा इसी दौरान नीचे गिर पड़े. उन्हें पहले पलिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया जहां से उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सिंह ने बताया कि विधायक के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं, लेकिन मामले की जांच की जा रही है.
बेटे ने लगाया हत्या का आरोप हालांकि पूर्व विधायक मिश्रा के बेटे संजीव का आरोप है कि दर्जनों लोगों ने उन्हें तथा उनके पिता को लाठी—डंडों से पीटा, जिसमें गम्भीर रूप से घायल उनके पिता की मृत्यु हो गई. खुद उन्हें भी चोटें आयी हैं. उन्होंने पुलिस पर हमलावरों से साठगांठ के आरोप भी लगाये. सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर का कहना है कि पहली नजर में लगता है कि उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है. बहरहाल, इस सिलसिले में मामला दर्ज जांच शुरू कर दी गयी है.
सपा के विधायक भी रहे मिश्रा तत्कालीन निघासन सीट से दो बार निर्दलीय तथा एक बार सपा के विधायक रह चुके थे. वह 1989 और 1991 में निर्दलीय और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गये थे.
विपक्ष हुआ हमलावर इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'पुलिस की उपस्थिति में आज दिनदहाड़े लखीमपुर में तीन बार के विधायक रहे निरवेन्द्र मिश्रा की निर्मम हत्या और उनके पुत्र पर हुए क़ातिलाना हमले से प्रदेश हिल गया है. श्रद्धांजलि!.' उन्होंने कहा 'भाजपा राज में प्रदेश की जनता क़ानून-व्यवस्था के विषय पर चिंतित ही नहीं, भयभीत भी है। निंदनीय!'
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, 'लखीमपुर खीरी के पूर्व विधायक निरवेन्द्र कुमार मिश्र की निर्मम हत्या और इसी जिले में छात्रा की दुष्कर्म के बाद फंदा लगाकर की गई हत्या की घटनायें अति-दुःखद और चिन्ताजनक हैं. सरकार दोषियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई करे जिससे ऐसी दर्दनाक घटनायें प्रदेश में रूकें.'
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने एक बयान में कहा, 'जनता अब पूछ रही है कि क्या उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण होना पाप है? लखीमपुर खीरी में पूर्व विधायक निरवेन्द्र मिश्र की हत्या होना इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश अब अपराध प्रदेश बन गया है.'
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