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UP Election 2022: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह लड़ेंगे चुनाव, STF की रिपोर्ट से ऐसे हुआ रास्ता साफ
Dhananjay Singh: अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश के आरोपी बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. एसटीएफ ने जांच रिपोर्ट में गैरजमानती धारा हटा दी है.
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धनंजय सिंह
UP Assembly Election 2022: अजीत सिंह हत्याकांड में आपराधिक साजिश के आरोपी बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल हत्याकांड की विवेचना कर रही एसटीएफ ने धनंजय को गैर जमानती धाराओं से जमानती धाराओं का आरोपी बनाते हुए कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के आधार पर धनंजय को अब हत्या के मामले में जमानत लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी और अब वो गुरुवार को सातवें चरण के नामांकन की अंतिम तारीख तक पर्चा दाखिल करने के साथ ही खुलकर चुनाव प्रचार कर सकेगा.
जानिए क्या है पूरा मामला
अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय का नाम आने और उसके चुनाव लड़ने तक की कहानी बड़ी रोचक और पेचीदगियों से भरी है. 6 जनवरी 2021 की शाम विभूतिखंड में जब मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या हुई थी तब से धनंजय सिंह का नाम चर्चा में था. धनंजय सिंह का नाम एफआईआर में नहीं था लेकिन लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने जांच में धनंजय को हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाते हुए उस पर 25000 रुपए का इनाम घोषित किया था.
अखिलेश यादव ने भी उठाए थे सवाल
इस बीच, धनंजय सिंह ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी. वो जौनपुर में कभी क्रिकेट खेलते तो कभी किसी शोरूम का उद्घाटन करते हुए नजर आता रहा. जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते हुए वीडियो ट्वीट किया और उसके खुलेआम घूमने पर सवाल उठाए. इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया. मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई.
धनंजय के सामने दिक्कत यह थी कि जब तक उस पर इनाम घोषित था, वो चुनाव नहीं लड़ सकता था. चुनाव लड़ने के लिए उसने सेशन कोर्ट में समर्पण के लिए एक याचिका दाखिल की. इस याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई होनी है. उधर, अजीत सिंह हत्याकांड में एफआईआर दर्ज कराने वाले मोहर सिंह ने भी धनंजय के सरेंडर की अर्जी का विरोध किया है जिस पर 18 फरवरी को सुनवाई की जाएगी.
एसटीएफ ने गैरजमानती धारा को हटाया
दूसरी तरफ, अजीत सिंह की पत्नी ने कोर्ट में इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक अर्जी दाखिल की थी. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एसटीएफ से रिपोर्ट मांगी जिसके जवाब में एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बाहुबली धनंजय सिंह को पुलिस से जानकारी छिपाने और अजीत सिंह की हत्या करने वाले शूटरों को संरक्षण देने का दोषी बनाते हुए रिपोर्ट सौंप दी. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एसटीएफ ने धनंजय को जिन दो धाराओं के आरोपी बनाया है, वो जमानती हैं. जिसके बाद अब धनंजय को पुलिस से बचकर भागने या छिपने की कोई जरूरत नहीं होगी. धनंजय सिंह इस बार का चुनाव जौनपुर की मल्हनी सीट से जदयू के टिकट पर लड़ रहे हैं. हालांकि ये बात अलग है कि इस वजह से सियासी तूफान जरूर खड़ा हो सकता है.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion