Moradabad News: आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने देश के सीमावर्ती राज्यों बंगाल, बिहार और असम में मुस्लिमों की जनसंख्या को तेजी से बढ़ने का दावा किया था. उसमें यह भी कहा गया था कि इस पर यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो हालात खराब हो जाएंगे. इसलिए देश में जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने की जरूरत है. इसको लेकर मुस्लिम नेताओं ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह रिपोर्ट भ्रामक और डराने वाली है. वहीं संघ की इस रिपोर्ट पर पूर्व सांसद डॉ एस टी हसन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.


क्या बोले पूर्व सांसद एस टी हसन
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि संघ पिछले 50 साल से ऐसी ही बातें कर रहा है कि देश मे अगले पचास साल में मुस्लिमों की आबादी हिन्दू से अधिक हो जाएगी. लेकिन अब तक तो हुई नहीं. ये सिर्फ हिंदुओं को डराकर बहका कर वोट हासिल कर राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं. क्योंकि अभी पांच राज्यों में चुनाव आने वाले हैं. इसलिए संघ चुनाव में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण करने के लिए ऐसे बयान दे रहा है. लेकिन देश की जनता इन्हें जान चुकी है. वह अब इनके बहकावे में नहीं आने वाली है. 


जनसंख्या बढ़ने की वजह कोई धर्म नहीं
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि देश की जनसंख्या पर अब नियंत्रण होना चाहिए. लेकिन यह जनसंख्या कोई अभिशाप नहीं है. बल्कि यह एक संपत्ति है हमारी बड़ी जनसंख्या के कारण ही देश की इकोनॉमी भी बढ़ी है. काम के लिए इतने हाथ और दिमाग हमारे पास हैं. जो देश की ताकत हैं. जनसंख्या बढ़ने की वजह कोई धर्म नहीं है, बल्कि गरीबी और अशिक्षा की वजह से जनसंख्या अधिक होती है. जहां परिवार शिक्षित और संपन्न हैं वहां बच्चे कम होते हैं और जहां गरीबी और अशिक्षा है. वहां बच्चे अधिक होते हैं. इसलिए देश में सबको शिक्षा और रोज़गार मिले तो जीवन स्तर सुधरेगा और जनसंख्या नियंत्रण ख़ुद ही हो जायेगा.


रिपोर्ट से चुनाव में कोई फायदा नहीं
एस टी हसने ने यह भी कहा कि इसे धर्म से जोड़ कर देखना गलत है. डॉ एस टी हसन ने कहा कि देश के मुसलमान अगर बिल्कुल भी फैमिली प्लानिंग न करे और सब हिन्दू फैमिली प्लानिंग करें तो भी  हिन्दुओं की आबादी के बराबर मुसलमानों की आबादी होने में अगले दो हजार साल लगेंगे. लेकिन आरएसएस मुसलमानों का नाम लेकर हमारे हिन्दू भाइयों को डरा कर भ्रामक प्रचार कर राजनीतिक फायदा लेना चाहता है. लेकिन अब हमारे हिन्दू भाई समझ चुके हैं कि संघ के बयान कब और किस लिए आते हैं. इसलिए इस रिपोर्ट से इन्हें चुनावो में कोई फायदा नहीं होने वाला है.


क्या बोले कशिश वारसी


मुस्लिम नेताओं का कहना है कि जनसंख्या वृद्धि का संबंध किसी धर्म से नहीं है, बल्कि जहां गरीबी है और अशिक्षा है, वहां बच्चे अधिक होते हैं. चाहे वह किसी भी धर्म का मानने वाला हो. भारतीय सूफ़ी फाउंडेशन के अध्यक्ष कशिश वारसी का कहना है कि देश संविधान और कानून से चलता है. देश की सरकार अगर कोई जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाती है तो वह सबके लिए बराबर होगी. हम राष्ट्रवादी होने के नाते उस कानून को मानेंगे. लेकिन संघ कोई सरकार नहीं है. जिसकी रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए.


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