राज्यपाल बनाए जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की पहली प्रतिक्रिया, BJP ने काटा था टिकट
UP News: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बरेली लोकसभा सीट से आठ बार के सांसद संतोष गंगवार को झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है. संतोष गंगवार ने इसके लिए पीएम मोदी का आभार जताया है.
Bareilly News: झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है. संतोष गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, वह उस पर खरा उतरेंगे. संतोष गंगवार बरेली संसदीय क्षेत्र से आठ बार सांसद रह चुके हैं. राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है और उनके स्थान पर संतोष कुमार गंगवार झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया.
गंगवार को राज्यपाल नियुक्त किए जाने की घोषणा होते ही शनिवार रात में ही बरेली में उनके भारत सेवा ट्रस्ट स्थित आवास पर प्रमुख कार्यकर्ताओं का पहुंचना शुरू हो गया और मिठाई खिलाकर प्रसन्नता जाहिर की. इस दौरान गंगवार हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकारते रहे. संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार रात करीब एक बजे पत्रकारों से कहा कि मुझे जो नयी जिम्मेदारी मिली है, उस पर खरा उतरूंगा.
पीएम मोदी का जताया आभार
नयी भूमिका मिलने से अभिभूत गंगवार ने कहा पार्टी ने हमेशा बिना मांगे मुझे सब कुछ दिया. अब राज्यपाल बनाकर मेरे प्रति विश्वास व्यक्त किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभारी हूं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी के लिए कहा कि उन्होंने मेरे लिए जो नयी जिम्मेदारी दी है, उस पर खरा उतरूंगा. बरेली की जनता का भी आभार, जिसने मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता पर लगातार भरोसा जताया.
बरेली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आठ बार सांसद रह चुके संतोष कुमार गंगवार, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी सभाओं के दौरान कहा था कि संतोष गंगवार को कुछ अलग से स्थान दिया जाएगा.
1984 से की सियासी सफर की शुरूआत
संतोष गंगवार का जन्म 1948 में हुआ और बरेली कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई के साथ ही एलएलबी की उपाधि हासिल कर 1984 में राजनीतिक जीवन की शरुआत की. उनसे पूछा गया कि वह राजनीति में कैसे आए तो उन्होंने कहा आपातकाल के दौरान जेल जाना पड़ा. एक वर्ष जेल में काटने के बाद जब बाहर आया तो सोचने का तरीका थोड़ा बदल गया. इसी बीच, थोड़ा समय बीतने के बाद जनता पार्टी की बरेली जिला कमेटी में महामंत्री का पद प्रस्तावित किया गया तो मैंने स्वीकार कर लिया.
पहला चुनाव 1984 में वह कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी आबिदा बेगम से हार गए थे. इसके बाद 1989 में वह फिर से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल कर पहली बार सांसद बने. इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार जीत का सेहरा उन्हीं के सिर सजा. उनकी पहचान कुर्मी बिरादरी के प्रभावशाली नेता के रूप में है. हालांकि वह सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं. वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन ने उनको पराजित कर दिया था, लेकिन गंगवार ने उसके बाद 2014 और 2019 में अपनी जीत हासिल की.
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