Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) में बड़ी कार्रवाई हुई है. विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण (Ritu Khanduri Bhushan) ने 2016 से 2021 के बीच हुई 228 नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल (Govind Singh Kunjwal) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपने कार्यकाल में हुई नियुक्तियों को वैध बताया है. उनका कहना है कि तत्कालिक जरूरत के तहत ही विधि सम्मत नियुक्तियां की गई थी. उस समय गैरसैण (Gairsain) में विधानसभा अस्तित्व में आ गई थी और उसे स्थाई राजधानी बनाए जाने के लिए विधानसभा में नियुक्तियां की गई.


विधानसभा में 228 नियुक्तियां रद्द  


उन्होंने कहा कि विधानसभा में भर्ती के लिए सरकार से पद मांगे गए और वित्तीय स्वीकृति ली गई. उसके बाद ही नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. उन्होंने रितु खंडूरी भूषण के फैसले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि उनके कार्यकाल में की गई नियुक्तियों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चैलेंज किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने उनके कार्यकाल में की गई भर्तियों को सही माना था. ऐसे में अब विधानसभा के 150 कर्मचारियों का क्या होगा.


Ankita Bhandari Murder Case: लोगों में भारी आक्रोश, आरोपी के रिजॉर्ट में जमकर तोड़फोड़, रोकी पुलिस की गाड़ी l बड़ी बातें


गोविंद सिंह कुंजवाल ने बताया वैध


इस समय उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी. सरकार को परिवारों के बारे में भी सोचना चाहिए. गौरतलब है कि विधानसभा में बैकडोर से भर्ती का मामला सामने आने के बाद अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जांच समिति का गठन किया था. जांच समिति ने 2016 में 150, वर्ष 2020 में 6 और वर्ष 2021 में 72 भर्तियों को निरस्त करने की सिफारिश की थी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भर्तियों के लिए निर्धारित नियमों का पालन नहीं हुआ था. समिति ने सिफारिंश की है कि नियमों के विरुद्ध हुई नियुक्तियों को तत्काल निरस्त कर दिया जाए.


Watch: अंकिता भंडारी मर्डर केस का खुलासा, आरोपियों को ले जा रही पुलिस को महिलाओं ने रोका, सामने आया वीडियो