मुरादाबाद. फर्जी बिल बनाकर ट्रेजरी से सात करोड़ रुपये का गबन करने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही 13 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अब बाकी 9 आरोपियों की तलाश कर रही है.
लेखपाल और रिटायर्ड भूलेख लिपिक भी शामिल
ट्रेजरी से करोड़ों का गबन करने में कलक्ट्रेट का एक सेवानिवृत्त भूलेख लिपिक अनिल कुमार मेहरोत्रा और एक लेखपाल भी शामिल है. गैंग ने ट्रेजरी और कलक्ट्रेट स्टाफ से सांठगांठ कर लेखपालों के फर्जी एरियर बिल बनाकर 4 साल में ट्रेजरी से 7 करोड़ निकाल लिए। पुलिस ने मास्टरमाइंड अनिल मेहरोत्रा समेत 4 अभियुक्तों को शनिवार को जेल भेजा है.
ऐसे खुली पोल
अनिल मेहरोत्रा और उसका गैंग करीब चार साल तक सरकारी खजाने को लूटते रहे. इसकी पोल 2018 में खुली जब रकम के बंटवारे को लेकर आरोपियों का आपस में ही झगड़ा हो गया था. कम रकम पाए गैंग के एक सदस्य ने इसकी गोपनीय शिकायत तत्कालीन एडीएम प्रशासन लक्ष्मी शंकर सिंह से कर दी थी. इस खुलासे से अफसरों के होश उड़ गए थे. जांच हुई तो पता चला कि लेखपालों के फर्जी एरियर बिल बनाकर गैंग पिछले 4 साल में ट्रेजरी से 7 करोड़ रुपये निकाल चुका है.
आरोपियों में पैसों के बंटवारे पर हुआ था विवाद
इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अनिल मेहरोत्रा कलक्ट्रेट में भूलेख लिपिक के पद से रिटायर हुए था. रिटायर होने के बाद भी अफसर उससे सरकारी सीट पर काम ले रहे थे. अनिल मेहरोत्रा कलक्ट्रेट और ट्रेजरी की वर्किंग स्टाइल को अच्छे से समझता था, तमाम बिलों को वही तैयार करता था. दूसरे लोग भी उसी से सलाह लेने जाते थे. रिटायर होने के बाद भी अफसरों की रजामंदी से वही ऑफ रिकार्ड कलक्ट्रेट में सारे काम देखता रहा. आरोप है कि लेखपाल अरुण भटनागर के साथ मिलकर उसने यह खेल रचा. अनिल मेहरोत्रा और अरुण भटनागर ने ट्रेजरी से चेक के जरिये जारी होने वाली रकम को कैश में कन्वर्ट करने के लिए बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए थे. बाद में अरुण भटनागर ने लेखपाल की नौकरी छोड़ दी थी, उसने अपने परिवार की महिलाओं के नाम पर भी बैंक खाते खुलवाकर इस रकम को निकाला.
7 करोड़ रुपये के इस घोटाले में सिविल लाइंस थाने में 5 मुकदमे दर्ज किए गए थे. शनिवार को पुलिस ने अनिल कुमार मेहरोत्रा, महेंद्र सिंह, प्रवीन सिंह और हरीश गिरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. चारों को जेल भेज दिया गया है.
ये आरोपी फरार
अभी पूर्व लेखपाल अरुण भटनागर, हिमांशु सक्सेना, सुधीर कुमार, लईक अहमद, तनवीर इकबाल, कांति देवी, ज्योति भटनागर, शकुन्तला भटनागर और शशि यादव फरार हैं.
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