अगर सब ठीक रहा तो एक वेंटिलेटर आएगा चार मरीजों के काम...कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने एसजीपीजीआई की मांग पर ऐसा एडॉप्टर पेश किया है जिसके चलते एक वेंटिलेटर चार मरीजों के काम आएगा।
लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। कोरोना से बचाव को लेकर एसजीपीजीआई और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) साथ मिलकर तेजी से काम कर रहे हैं। SGPGI की मांग पर AKTU के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज ने वेंटीलेटर स्प्लिटर एडॉप्टर और फेस शील्ड का सैंपल तैयार करके दे दिया है। लैब अप्रूवल के बाद इनकी क्लीनिकल टेस्टिंग होगी। सब ठीक होने पर बड़े पैमाने पर AKTU से इसका उत्पादन कराया जायेगा।
एक वेंटिलेटर आएगा 4 मरीजों के काम SGPGI के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष कनौजिया ने बताया कि AKTU की थ्रीडी प्रिंटिंग लैब में एडॉप्टर और फेस शील्ड बनवाये गए हैं। जल्द से जल्द इनकी टेस्टिंग पूरी कराएंगे। वेंटिलेटर स्प्लिटर एडॉप्टर का इस्तेमाल कर एक वेंटिलेटर से 4 मरीजों को सुविधा दी जा सकेगी। वेन्टिलेटर्स की कमी न हो इसलिए ऐसे एडॉप्टर का इस्तेमाल करने का प्रयास हो रहा है। वहीं AKTU के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि वर्तमान में पूरे देश में वेंटिलेटर्स की कमी है और इनकी आपूर्ति वर्तमान में बड़ी चुनौती है। ऐसे में वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर वरदान साबित होगा।
संक्रमण से बचाएगी ये फेस शील्ड SGPGI के डॉ. आशीष ने बताया की फेस शील्ड का इस्तेमाल पहले भी होता आया है। लेकिन इसे बाहर से मंगाया जाता था। वर्तमान हालात में बाहर से इन शील्ड को मंगाने से बेहतर है कि अपने संसाधनों से खुद निर्माण कराया जाये। इस शील्ड को इलाज करने वाले डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ मास्क लगाने के बाद ऊपर से लगायेंगे। इससे वो अधिक सुरक्षित रहेंगे।
SGPGI की मांग पर AKTU ने किया तैयार वेंटिलेटर स्प्लिटर एडॉप्टर और फेस शील्ड दोनों की ही टेस्टिंग के बाद अगर कोई कमी मिली तो AKTU उसे तत्काल दुरुस्त करेगा। अगर सब सही रहा तो तुरंत इनका निर्माण शुरू करा दिया जायेगा। फ़िलहाल दोनों ही संस्थान इस प्रयोग की सफलता की कामना कर रहे हैं। कोरोना को लेकर जो हालात हैं उनमे ये दोनों ही चीजें काफी अहम साबित होंगी।