मथुरा, एजेंसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इसके तहत भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा तेजी से कस रहा है। ताजा मामला मथुरा का है। मथुरा जिले में चार वर्ष पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी रहे उन्नाव के वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव और पंचायत राज विभाग के कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ थाना सदर में धोखाधड़ी तथा अन्य आरोपों में मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस ने जानकारी देते हुये कहा कि यह मामला करीब चार साल पहले का है। दर्ज मामले में तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव पर सहायक पंचायत राज अधिकारी तथा संबंधित गांवों के ग्राम पंचायत अधिकारी और सचिवों के साथ मिलकर 77 ग्राम पंचायतों को मिली प्रदर्शन अनुदान राशि में से 5.34 करोड़ रुपये की बंदरबांट करने का आरोप लगाया गया है। दर्ज मामले के अनुसार शासन ने वर्ष 2016-17 में जनपद की 77 ग्राम पंचायतों के लिए 14वें वित्त आयोग के नियमों के अनुसार प्रदर्शन अनुदान राशि के रूप में 42 करोड़ 16 लाख 10 हजार 289 रुपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए भेजी थी।
इसमें वितरण का आधार तय करते हुए उन ग्रामों का चयन किया जाना था जिन्होंने सरकारी नीतियों को लागू करते हुए अपनी आय में वृद्धि करके दिखाई थी और आय के नए स्रोत पैदा करने में सफलता पाई थी। शासनादेश के मुताबिक इन गांवों में विकास की गति में और तेजी लाने के लिए उनकी योग्यता के आधार पर यह धनराशि भेजी गई थी।
पुलिस ने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने केवल कुछ गांवों को ही पात्र बताते हुए पांच करोड़ 34 लाख 10 हजार 490 रुपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए दी। यह राशि विकास कार्यों पर खर्च नहीं की गई, बल्कि अपने-अपने लोगों को गैरकानूनी तरीके से बांट दी गई। इस प्रकार अनियमितता के बाद करीब 37 करोड़ रुपये की शेष राशि खर्च न कर वापस भेज दी गई।
इसके बाद खुद को असल पात्र बताने वाले गांवों के लोगों ने मामले की शिकायत की जिस पर सरकार ने मामला सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) को सौंप दिया। विजिलेंस की जांच में तकरीबन सभी पात्र बताए गए गांव मानकों के आधार पर खरे नहीं उतरे। उन्हें पूरी तरह से अपात्र माना गया।
इसके बाद अभिसूचना सेक्टर, उप्र सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक अनिल कुमार यादव ने मथुरा के थाना सदर बाजार में तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी यादव, संबंधित सहायक विकास अधिकारी और संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी तथा सचिवों के खिलाफ भादंसं की धारा 420/466/467/468/471/166 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13(1) क, धारा 13 (2) के तहत मामला दर्ज कराया है।
वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि प्रदर्शन अनुदान के तहत वितरित तथा वितरण से रहित पूरी राशि बरामद कर शासन को भेज दी गई है। अब जो मामला दर्ज हुआ है, वह धोखाधड़ी तथा अन्य अनियमितिताओं से संबंधित है।