कानपुर: शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना के बाद अब मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में कानपुर में फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां 5 बच्चों की मां को भी अफसरों ने योजना का पात्र बना दिया जबकि दो से अधिक बच्चे होने पर योजना का लाभ नहीं दिया जाता है.


17 निकले अपात्र, 40 संदेह के घेरे में


कानपुर महानगर के शहरी क्षेत्रों के अलावा भी सरसौल ब्लॉक और घाटमपुर ब्लॉक में भी ऐसे ही मामले सामने में आए हैं. सीडीओ डॉक्टर महेंद्र कुमार ने दरअसल, वित्तीय वर्ष 2020-21 में आए 1043 आवेदन पत्रों की 16 अफसरों से जांच करवाई थी. इस जांच में 17 ऐसे लोग मिले जो अपात्र निकले. जबकि कुल 40 आवेदन संदेह के घेरे में रहे. इसमे लाभार्थियों को योजना का लाभ देने के लिए शहरी क्षेत्र में एसडीएम लेखपाल और ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ अपने स्तर पर जांच कराते हैं. इसके बाद जिला प्रोवेशन विभाग को सूची भेज दी जाती है, वहीं से पात्रों के पास पैसा भेजा जाता है. लेकिन पैसा भेजे जाने से पहले ही सीडीओ ने जांच करा ली, जिसमे सच सामने आ गया.
 
सीडीओ के निर्देश पर जब जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए


अफसरों ने जब आवेदन पत्रों की जांच की तो गुजैनी की रहने वाली एक महिला सुमन ने योजना का लाभ पाने के लिए अपनी बेटी आकांक्षा नाम से आवेदन किया था. सत्यापन अधिकारियों ने उसकी पात्रता की रिपोर्ट लगा दी. जांच में अधिकारियों ने पाया कि छात्रा कक्षा आठ में पढ रही है जबकि आवेदन जन्म के साल भर के अंदर ही किया जा सकता है. 


घाटमपुर ब्लॉक की देवी पुरवा गांव की रहने वाली सीता देवी ने कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए बेटी आकृति के नाम से आवेदन किया. सत्यापन अधिकारियों ने इन्हें पात्र भी मान लिया जांच अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन किया तो पता चला कि सीता के कुल 5 बच्चे हैं.


ये है योजना का फॉर्मेट


अब घाटमपुर और सरसौल ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी और एसडीएम सदर को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब कर लिया गया है.  मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी का जन्म होने पर दो हजार रुपये का अनुदान और उसके बाद 6 किस्तों में 13 हजार और दिए जाते हैं. इसके लिए जन्म के 1 साल के अंदर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इसके बाद के आवेदन निरस्त कर दिए जाते हैं. मां के नाम से आवेदन होता है, जबकि बेटी का नाम आवेदन पत्र में लिखना होता है. परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये होनी चाहिए. साथ ही पहली बेटी होने के बाद यदि दूसरी बार में जुड़वा बेटियां होती हैं तो उन दोनों को भी योजना का लाभ दिया जाता है. लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से एक और योजना में जबरदस्त फर्जीवाड़ा किया गया. 


ये भी पढ़ें.


इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, शिक्षकों से गैर शैक्षिणिक कार्य न लिया जाए