पीएम आवास में घपलेबाजी, प्रमाण पत्र किसी और को, घर मिला दूसरे को, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार
रायबरेली में पीएम आवास को लेकर हेराफेरी सामने आई है. प्रकरण के मुताबिक विशुना देवी को बाकायदा प्रमाण पत्र देकर आवास आवंटित किया गया. वहीं, बाद में बताया गया कि ये किसी दूसरे को दे दिया गया है. फिलहाल, अफसर अब सफाई देते घूम रहे हैं.
रायबरेली: जहां देश के प्रधानमंत्री सभी गरीबों को मुफ्त में आवास मुहैया कराने का दावा कर रहे हैं, वहीं, अफसर उनके दावों पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पीएम आवास में घोटाले बाजी के मामले अक्सर सामने आते हैं और उन पर कार्रवाई भी होती है. लेकिन बावजूद इसके घोटालेबाज सुधरने का नाम नहीं ले रहे. हरचंदपुर थाना क्षेत्र के हिडइन गांव में देखने को मिला, जहां एक विधवा महिला के आवास को काट कर दूसरे अपात्र के नाम कर दिया गया. जबकि किसान मेले में विधवा महिला को आवास मिलने का प्रमाण पत्र भी मिल चुका था. महिला ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से करके न्याय की गुहार लगाई है और घोटालेबाजो पर कार्रवाई की मांग की है.
नाम बदलकर दूसरे को दिया आवास
हरचंदपुर थाना क्षेत्र के ग्राम हिडइन निवासी विशुना देवी ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में यह आरोप लगाया कि उसके गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आए थे. जो कि हरचंदपुर विकास खंड परिसर में किसान मेला के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया था. जिसके बाद प्रमाण पत्र तो मिल गया लेकिन आवास नहीं मिला. इसमें ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने गलत तरीके से आर्थिक प्रलोभन में आकर गांव के कई अपात्रों के नाम आवास आवंटित कर दिए. एक विधवा महिला के पति का नाम बदलकर दूसरे को आवास आवंटित कर दिया गया. जबकि उक्त महिला का आवासीय सूची में कहीं नाम नहीं था. पीड़िता महिला ने जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले की जांच कराकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
पीएम आवास का मिला था प्रमाण पत्र
पीड़िता विशुना देवी ने कहा कि, प्रधानमंत्री आवास प्रमाण पत्र देकर मुझे सम्मानित किया गया था, जिसके बाद मुझे मालूम हुआ कि मेरा आवास ही नहीं आया. प्रमाण पत्र पर मेरे पति के नाम की जगह किसी दूसरे आदमी का नाम लिख दिया गया, जिसके बाद मैंने ग्राम पंचायत अधिकारी से बात की तो उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि आपका आवास कुछ दिन बाद आएगा. ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान पर दस हजार रुपये मांगने का आरोप भी लगाया है. जब मेरी किसी ने नहीं सुनी तो सीधे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.
बीडीओ की सफाई, दूसरी लिस्ट में है नाम
बीडीओ, राजेश सिंह के मुताबिक, जो प्रमाण पत्र पीड़िता को दिया गया था वह दूसरी महिला का था, वह गलती से इस महिला ने ले लिया है. वैसे इस पीड़ित महिला विशुना देवी का आवास दूसरी लिस्ट में है जो बहुत जल्द पीड़िता को उपलब्ध करा दिया जाएगा.
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