(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP: राज्य मंत्री बनाने के नाम पर लाखों की ठगी, मुख्य सचिव और सीएम के प्रमुख सचिव से बताते थे नजदीकियां
पीड़ित ने गोमतीनगर थाने में आरोपी श्याम नारायण तिवारी और उनकी पत्नी, बेटे व बहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
Fraud Over Making Minister of State In Lucknow: यूपी की राजधानी लखनऊ में राज्यमंत्री और विभिन्न बोर्ड में सदस्य बनवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित ने गोमतीनगर थाने में आरोपी श्याम नारायण तिवारी और उनकी पत्नी, बेटे व बहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पीड़ित का कहना है कि श्याम नारायण तिवारी और उनके परिवार के सदस्यों ने कई लोगों को राज्यमंत्री बनाने का झांसा देकर रुपए ऐठे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पीड़ित कैसरबाग निवासी हरि बाबू चौहान ने बताया कि गोमतीनगर के नेहरू एनक्लेव में रहने वाले श्याम नारायण तिवारी ने उन्हें बाल विकास एवं पुष्टाहार का दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनवाने का झांसा दिया था. बकौल हरि बाबू चौहान उनके परिचित संजीव कुमार के जरिए श्याम नारायण तिवारी से मुलाकात हुई थी. श्याम नारायण तिवारी की पत्नी शशि तिवारी, बेटा मनीष, पीयूष और बहू ने उन्हें सरकार में मजबूत पकड़ होने की बात कही. श्याम नारायण ने कहा कि मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तक उनके करीबी हैं और अक्सर घर आते-जाते हैं.
ऐसे किया गया पूरा फर्जीवाड़ा
हरि बाबू चौहान को उन्होंने सरकार में अच्छा पद दिलाने का झांसा दिया. ठग श्याम नारायण तिवारी का कहना था कि वह उन्हें अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में सदस्य बनवा सकता है लेकिन इसके लिए 50 लाख रुपये का खर्च आएगा. हरि बाबू चौहान उसके झांसे में आ गए और 50 लाख रुपया देने को तैयार हो गए. अक्टूबर 2019 में श्याम नारायण तिवारी ने हरि बाबू चौहान को मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की मुहर लगा एक पत्र दिया जिसमें उन्हें अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का सदस्य बनाए जाने की बात लिखी थी. हालांकि, जब बोर्ड के सदस्यों की सूची जारी हुई तो उनका नाम नहीं था. हरि बाबू चौहान ने विरोध किया तो श्याम नारायण ने उन्हें बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाने की पेशकश रखी. उसने मुख्य सचिव की मुहर लगा एक पत्र हरि बाबू को दिया.
हालांकि हरि बाबू को राज्य मंत्री का पदभार भी नहीं मिला. उन्होंने शक होने पर पत्र की जांच कराई तो पता चला वह फर्जी था. मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के नकली हस्ताक्षर और मोहर लगाकर पत्र तैयार किया गया था. श्याम नारायण तिवारी की पोल खुलने पर हरि बाबू चौहान भड़क गए और उन्होंने अपना रुपया वापस मांगा. इस पर श्याम नारायण तिवारी और उनके परिवारी के लोगों ने रुपए लौटाने से साफ इंकार कर दिया और शिकायत करने पर धमकी भी दी. पीड़ित हरि बाबू चौहान का कहना है कि श्याम नारायण तिवारी और उनके परिवार के लोग इसी तरह से धोखाधड़ी करके रुपया ऐंठते हैं.
मामले की जांच की जा रही है- पुलिस
पुलिस का कहना है कि चिनहट निवासी धनंजय नाथ तिवारी ने भी 60 लाख और हुसैनगंज निवासी संजीव कुमार ने 10 लाख रुपए ठगने का आरोप लगाते हुए श्याम नारायण तिवारी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. मामले की जांच की जा रही है.
उधर, सरोजनीनगर निवासी आर्थिक अनुसंधान शाखा से रिटायर्ड डिप्टी एसपी बीएल दोहरे ने मंडी परिषद का दर्जा प्राप्त मंत्री बनवाने का झांसा देकर 20 लाख रुपए ठगने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. इस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र सिंह का कहना है कि मलिहाबाद में रहने सौरभ सैनी, ऋषभ सैनी, बबलू, छोटू, गोविंद यादव, राज नारायण यादव और नीलेश यादव पर आरोप लगाया है. सभी बीएल दोहरे के पूर्व परिचित हैं. ठगी के आरोपियों ने नई इंडिया सेना का प्रदेश महामंत्री और विश्व हिंदू महासभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का झांसा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने बीएल दोहरे को मंडी परिषद का दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाने का भी ऑफर दिया और उनसे 20 लाख रुपए ऐंठ लिए. शक होने पर बीएल दोहरे ने रुपया मांगा तो आरोपी टरकाते रहे. परेशान होकर पीड़ित रिटायर्ड डिप्टी एसपी ने एफआईआर कराई है. आरोपी सौरभ खुद को नई इंडिया सेना का प्रदेश अध्यक्ष और विश्व हिंदू महासंघ का प्रदेश सचिव बताता है.
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