BJP विधायक के नाम पर जालसाज़ ने कर ली 5.75 लाख की साइबर ठगी, एक गिरफ्तार
गोरखपुर में साइबर ठगी का एक नए तरह का मामला सामने आया है. साइबर ठग ने बैंक मैनेजर को फोन कर खुद को विधायक बताते हुए उनके बेटे के खाते से अपने खाते में 5.75 लाख रुपए ट्रांसफर कराकर साइबर ठगी कर ली.
गोरखपुर में साइबर ठगी का एक नए तरह का मामला सामने आया है. साइबर ठग ने बैंक मैनेजर को फोन कर खुद को विधायक बताते हुए उनके बेटे के खाते से अपने खाते में 5.75 लाख रुपए ट्रांसफर कराकर साइबर ठगी कर ली. जब इसकी जानकारी विधायक और मैनेजर को हुई, तो उनके होश उड़ गए. आनन-फानन इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई. जहां से बैंक के साथ फ्राड करने वाले एक साइबर ठग को पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. तो वहीं दूसरे आरोपी की पुलिस को तलाश है.
एक राष्ट्रीयकृत बैंक के मैनेजर को फोन कर खुद को विधायक बताने के बाद साइबर ठग ने अपने खाते में 5.75 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. गोरखपुर के कैम्पियरगंज से भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह के नाम पर बैंक मैनेजर को फोन किया गया. साइबर ठग ने उनके बेटे के खाते से 5.75 लाख रुपए ट्रांसफर कराने वाले एक जालसाज को साइबर थाने की पुलिस ने दबोच लिया है. मुख्य आरोपी अभी फरार है. कुशीनगर जिले के रहने वाले इस जालसाज को फोन नम्बर के आधार पर पुलिस ने सिमकार्ड के जरिए पकड़ा. हालांकि जालसाज ने जिस आधार पर यह सिमकार्ड लिया था, उसमें भी टेम्परिंग करते हुए अपना फोटो लगाया था. जबकि नाम-पता दूसरे का था.
भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि 31 दिसम्बर को एसबीआई की आईटीएम गीडा शाखा (अब नौगढ़ शाखा) के मैनेजर के पास जालसाज ने फोन किया और मेरा नाम बताते हुए बेटे के खाते से आईसीआईसीआई बैंक की पाटलिपुत्र शाखा के एक खाते में 5.75 लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा. जालसाज ने बैंक को इसका एक ईमेल भी भेजा था. बैंक मैनेजर ने बिना किसी जांच पड़ताल के यह रकम जालसाज द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी.
कुछ दिनों बाद विधायक फतेह बहादुर सिंह के बेटे ने अपना बैंक स्टेटमेंट चेक किया, तो इतनी बड़ी रकम के दूसरे खाते में ट्रांसफर किए जाने पर उन्होंने बैंक अफसरों से शिकायत दर्ज कराई. विधायक का कहना है कि इस तरह के फ्राड देश में बहुत हो रहे हैं. इसमें बैंक प्रबंधन की भी घोर लापरवाही है. उन्होंने पुलिस के आलाधिकारियों को इस घटना के वर्कआउट और गिरफ्तारी के लिए बधाई भी दी.
कानपुर रोड लखनऊ निवासी मनीष चंद्रा की तहरीर पर दस मार्च को केस दर्ज कर गोरखपुर साइबर क्राइम थाने की टीम ने जालसाजी की जांच शुरू की. मनीष चन्द्रा द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर और बैंक खाते के विवरण से निकाली गई धनराशि के सम्बन्ध में जांच करने पर पता चला कि रकम पेटीएम के जरिए निकाली गई है. फोन करने वाले जालसाज ने कुशीनगर से सिमकार्ड की खरीदा था. जांच में पता चला कि जिस आधार कार्ड पर सिम लिया गया है, उस पर फोटो बदल कर किसी और का फोटो लगाया गया है. फोटो की पहचान कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसकी पहचान कुशीनगर जिले के तरयासुजान थानाक्षेत्र के गोपालपुर निवासी एकराम के रूप में हुई.
एसपी क्राइम डा. महेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि एकराम ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पैसों के लालच में आकर उसने कुशीनगर के पुरानी तमकुही, तमकुहीराज, थाना तरयासुजान के रहने वाले सलाउद्दीन अंसारी पुत्र अजीमुल्ला के साथ मिलकर हीरा कुशवाहा नामक व्यक्ति के आधार कार्ड पर अपना फोटो लगा कर कूटरचित करके अलग-अलग जगहों से कई सिमकार्ड निकलवाए. वह सिमकार्ड सलाउद्दीन अंसारी को दे दिया करता था. इसके बदले में सलाउद्दीन अंसारी उसे पैसे देता था. एकराम इससे पूर्व 2020 में तरया सुजान से जेल जा चुका है.
आरोपी के पास से पुलिस ने पांच आधार कार्ड, दो वोटर कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आरसी, एक रजिस्टर, एक पॉकेट डायरी, दो बैंक पासबुक, तीन आधार कार्ड की छाया प्रति, चार एटीएम कार्ड, एक आरोग्य कार्ड, एक सफेद प्लास्टिक में कई फोटो बरामद किया गया है.