नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर करारी शिकस्त के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दांव खेला है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने महिलाओं के लिए डीटीसी बसों और मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त में यात्रा का एलान किया है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सीटों से फ्री हुए केजरीवाल ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए ये फैसला लिया है। सोमवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर केजरीवाल ने कहा है कि इसका सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना से 1200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष सरकार पर बोझ पड़ेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार से मंजूरी की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह किराया नहीं बढ़ा रहे हैं बल्कि सब्सिडी दे रहे हैं।


महिला वोट बैंक पर नजर
केजरीवाल के एलान से साफ है कि आम आदमी पार्टी की नजर दिल्ली के महिला वोट बैंक पर है। क्योंकि, दिल्ली सरकार की नई घोषणा का लाभ सीधे तौर पर दिल्ली की महिलाओं को मिलने जा रहा है। वैसे भी चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली के कुल 1.43 करोड़ मतदाताओं में 64 लाख से ज्यादा महिलाएं हैं। ऐसे में महिला वोट बैंक को अपनी तरफ कर केजरीवाल दिल्ली फतह की राह आसान करना चाह रहे हैं।


दो-तीन महीने में लागू होगी योजना
दिल्ली सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य की महिलाओं को अभी थोड़ा इंतजार भी करना पड़ सकता है। पीसी में केजरीवाल ने बताया कि इस योजना के शुरू होने में अभी दो से तीन महीने का समय लग सकता है। इसके लिए संबंधित विभागों से प्रजेंटेशन मांगा गया है।



दिल्ली सरकार डीएमआरसी को देगी खर्चा
कैलाश गहलोत ने मेट्रो के अधिकारियों से कहा है कि यह योजना हर हाल में हमें लागू करनी है। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए वह डीएमआरसी को भुगतान करेगी। बसों व मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसद महिलाएं होती हैं। इस हिसाब से जो अनुमान लगाया गया है उसके अनुसार प्रति वर्ष करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर करीब एक हजार करोड़ का खर्च प्रति वर्ष आएगा। हालांकि अभी ये आकलन मात्र है। बहुत से ऐसे खर्चे हैं जो आपसी समझौते से मिलकर वहन कर सकते हैं।