यूपी: घूमने के लिए उत्तराखंड जाना चाहता है फ्रांसीसी परिवार, कहा- कहीं नहीं मिला भारत जैसा प्रेम
महराजगंज में 21 मार्च से रह रहा फ्रांसीसी परिवार उत्तराखंड जाना चाहता है. सोमवार को परिवार को सदस्यों ने डीएम से मुलाकात की आवेदन देकर अनुमति मांगी.
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले पुरंदरपुर थाना के लक्ष्मीपुर क्षेत्र के पास ग्राम पंचायत कोल्हुआ उर्फ सिहोंरवा के एक मंदिर में एक फ्रांसीसी परिवार बीते 21 मार्च से रह रहा है. ये विदेशी परिवार टूरिस्ट वीजा पर एक मार्च 2020 को पाकिस्तान से वाघा बॉर्डर होते हुए भारत में आया था, तभी से परिवार यहीं रह रहा है. अब विदेशी नागरिक उत्तराखंड घूमना चाहते हैं, जिसे लेकर उन्होंने डीएम अनुमति मांगी है.
डीएम से मिला परिवार मोटर मैकेनिक पैट्रिस पल्लेरेज अपनी पत्नी वर्जिनिया, बेटियां ओफेली, लोला और बेटा टॉम के साथ सोमवार को डीएम से मिलने पहुंचे. यहां फ्रांसीसी परिवार ने डीएम से बातचीत कर उत्तराखंड जाने की अनुमति मांगी. डीएम ने उनके आवेदन को उच्चाधिकारियों को भेज दिया है. वार्ता के दौरान जिलाधिकारी ने फ्रांसीसी परिवार के सभी सदस्यों से बातचीत कर उनके भारत अनुभव के बारे में पूछा.
भारत जैसा प्रेम कहीं नहीं मिला पैट्रिस पल्लेरेज ने बताया कि भारत भ्रमण कर बहुत अच्छा लगा यहां के लेग उम्मीद से ज्यादा अच्छे हैं. रहने खाने पीने की कोई भी समस्या नहीं हुई. लोगों के अतिथि सत्कार का भाव बेहद अच्छा लगा. जबकि, अन्य देशो में भ्रमण के दौरान भारत जैसा प्रेम कहीं नहीं मिला. पैट्रिस पल्लेरेज की पत्नी वर्जिनिया ने बताया कि करीब छह माहीने का वक्त कैसे कट गया, पता ही नहीं चला. यहां के लोग बहुत अच्छे हैं. बच्चे भी उनसे घुल मिलकर बातें करते हैं. भारतीय सभ्यता संस्कृति को इतने दिनों में बेहद करीब से जानने का मौका मिला. ओफेली पल्लेरेज, लोला पल्लेरेज और टॉम पल्लेरेज ने भी खुशी जाहिर की.
उत्तरखंड घूमना चाहता है परिवार जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार ने बताया कि फ्रांसीसी परिवार के सदस्य उत्तरखंड घूमना चाहते हैं. उनकी तरफ से आवेदन दिया गया है. जल्दी ही उनके आवेदन पर कार्रवाई करते हुए फ्रांसीसी परिवार को अवगत कराया जाएगा. उन्हें यहां कोई परेशानी नहीं है. उनके रहने खाने जैसी तमाम जरूरतों की बेहतर व्यवस्था है. फ्रांसीसी परिवार के सभी सदस्य भारत भ्रमण को लेकर अपने अनुभव को साझा किए. उन्हें यहां का अतिथि सत्कार बहुत ही अच्छा लगा है.
नहीं देख सके ताजमहल वर्जिनिया ने बताया कि यूरोप, तुर्की, जार्जिया, ओमेनिया, ईरान, दुबई, अमीरात, यूएई, ओमान से पाकिस्तान होकर एक मार्च 20 को वाघा बॉर्डर होते हुए भारत पहुंचे. भारत के जयपुर, जोधपुर, नई दिल्ली से होकर ताज देखने के लिए आगरा पहुंची. लेकिन लॉकडाउन के होने के बाद प्रवेश वर्जित होने पर ताज की दीदार नहीं हो सके.
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