नौशाद अली की आज पुण्यतिथि है। 25 दिसंबर, 1919 को पैदा हुए नौशाद अली का 5 मई 2006 को 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। संगीतकार नौशाद अली ने मुग़ल-ए-आज़म, बैजू बावरा, शाहजहां, अंदाज़, मदर इंडिया और गंगा जमुना जैसी फ़िल्मों में दिलकश संगीत दिए है और ये ही नहीं उन्होंने हिंदुस्तानी संगीत को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने का काम किया।



हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार रह चुके नौशाद अली ने केवल 67 फिल्मों में अपनी संगीत दिया था पर फिर भी वो आज भी याद किए जाते हैं। लखनऊ में पैदा हुए नौशाद साहब का संगीत सफर चुनौतियों से भरा रहा।


फिल्म- मुगल ए आजम


गाना- मोहब्बत की झूठी कहानी पर रोये...



कहा जाता है कि मुगले आजम के निर्देशक के.आसिफ एक बार नौशाद के घर उनसे मिलने के लिए गए। नौशाद उस समय हारमोनियम पर कुछ धुन तैयार कर रहे थे। तभी के.आसिफ ने 50 हजार रुपए के नोटों का बंडल हारमोनियम पर फेंका।


फिल्म- दुलारी


गाना- सुहानी रात ढल चुकी



नौशाद ने करीब 65 फिल्मों में संगीत दिया जिनमें तीन फिल्में 100 सप्ताह से ज्यादा, 9 फिल्में 50 सप्ताह से ज्यादा और 26 फिल्में 25 सप्ताह से ज्यादा चलीं।


फिल्म-आदमी


गाना- आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज न दे



भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए 1982 में उन्हें सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फालके पुरस्कार से नवाजा गया।


गाना- जब प्यार किया तो डरना क्या


फिल्म- मुगल ए आजम



नौशाद ने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में भी अपनी तकनीक से लोगों को हैरान कर दिया था। 'मुगल-ए-आजम' में 'प्यार किया तो डरना क्या' गाने में ईको इफेक्ट लाने के लिए नौशाद ने लता मंगेशकर को बाथरूम में खड़े होकर गाने के लिए कहा था।


फिल्म- लीडर


गाना- तेरे हुस्न की क्या तारीफ करूं


ऑस्कर के लिए नॉमिनेट की गई पहली भारतीय फिल्म मदर इंडिया का म्यूजिक भी नौशाद ने ही दिया था। नौशाद ने 65 बॉलीवुड फिल्मों के लिए म्यूजिक दिया है। लगभग छह दशक तक अपने संगीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाले महान संगीतकार नौशाद 5 मई, 2006 को इस दुनिया से रुखसत हो गए।