Uttarakhand News: उत्तराखंड के नरेंद्र नगर (Narendra Nagar) के जिस गांव में एक महीने पहले पक्की सड़क नहीं थी, पानी की बेहतर व्यवस्था नहीं थी, स्कूल बदहाल थे, वहां आज पक्की सड़क पहुंच गई है, हर घर नल है, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र तक स्मार्ट बन रहे हैं. यह कमाल जी-20 (G-20) की बैठक की वजह से हुआ है. दरअसल, नरेंद्र नगर में जी-20 की दूसरी बैठक हो रही है. यह बैठक 25 मई से 27 मई तक चलेगी, लेकिन नरेंद्र नगर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर ओणी गांव है, आज इस गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है.


राज्य में जी-20 बैठक का सबसे बड़ा फायदा नरेंद्र नगर के ओणी गांव को मिला है. यह गांव अब पूरी तरह से स्मार्ट बन चुका है. नरेंद्र नगर में जी-20 की बैठक के बाद विदेशी मेहमान गांव का दौरा करेंगे. उनके दौरे के मद्देनजर ओणी गांव में सब कुछ बदल दिया गया है. बेहतर सड़कें हो गई हैं, पगडंडी  पक्की हो गई हैं और घरों में रंगाई-पुताई का काम हो गया है. एक महीने के अंदर गांव को पूरी तरह से स्मार्ट बना दिया गया है.


गांव में व्यवस्थाओं को देखेंगे विदेशी मेहमान


नरेंद्र नगर के इस गांव को स्मार्ट विलेज के तौर पर चुना गया है. इस गांव में जी-20 डेलीगेट्स दौरा करेंगे, इसलिए इसकी सूरत को पूरी तरह से बदल दिया गया है. विदेशी मेहमान यहां जाकर तमाम व्यवस्थाओं को देखेंगे कि प्रदेश सरकार की ओर से पर्वतीय क्षेत्र के गांव में किस तरह का विकास किया गया है, इसलिए इस गांव में अब स्मार्ट स्कूल बन गया है. स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र बन गया है, पॉलीहाउस बन गए हैं और जगह-जगह रंग-रोगन का काम भी किया गया है. घरों को इतना स्मार्ट कर दिया गया है कि पूरा गांव खूबसूरत और रंगीन नजर आ रहा है. गांव में बदली इस तस्वीर के बाद यहां के लोग भी काफी खुश हैं.



गांव की हर तस्वीर को बदलने की कोशिश


पिछले एक महीने से सरकारी अमला ओणी गांव में दिन-रात मेहनत में जुटा है. गांव की हर तस्वीर को बदलने की कोशिश की जा रही है, ताकि विदेशी मेहमानों को एहसास हो सके कि उत्तराखंड के गांव कितने खूबसूरत हैं. गांव में नया स्मार्ट पंचायत भवन बनाया गया है. स्मार्ट स्कूल बना दिया गया है, स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र बनाया गया है, पूरे गांव में सड़कों पर टाइल्स बिछा दी गई है. सरकारी तंत्र ने यह काम सिर्फ महीने में ही पूरा कर दिया.


लोगों को भी दी जा रही ट्रेनिंग


वहीं मेहमानों के आने से पहले गांव के लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है, तो स्कूली बच्चों को भी इवेंट के लिए तैयार किया जा रहा है. 28 मई को जी-20 डेलीगेट्स ओणी गांव का दौरा करेंगे. इस दौरान यह सभी विदेशी मेहमान गांव में स्थानीय लोगों से बातचीत करेंगे और स्कूलों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं को देखेंगे.


ओणी के हालात सुधरने में लग गए कई साल


ओणी के हालातों में सुधार के लिए सरकार को सालों का वक्त लग गया, वह भी इसलिए कि यहां जी-20 की बैठक चल रही है. ओणी गांव को स्मार्ट विलेज के तौर पर चुना गया है, ताकि यहां विदेशी मेहमान भारतीय गांव के कल्चर को समझ सकें, लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार सिर्फ एक गांव को स्मार्ट बनाकर प्रदेश के सभी गांव की तस्वीर विदेशी मेहमानों को दिखाना चाहती है, क्योंकि प्रदेश के सुदूरवर्ती गांव के हालात इस गांव से बिल्कुल उलट हैं. वहां ने तो पक्की सड़क है और न ही पानी की व्यवस्था और स्कूल भी खस्ताहाल है.


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