मुंबई, एबीपी गंगा। केंद्र सरकार ने हिमालय से निकलने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान की तरफ रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ये जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि (सिंधु संधि के तहत) पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले पानी को रोकने का काम शुरू हो चुका है। मैं उस पानी की बात कर रहा हूं, जो पाकिस्तान को जाता है और मैं सिंधु जल संधि को तोड़ने की बात नहीं कर रहा।


शेखावत ने कहा कि किस तरह हम पाकिस्तान को जाने वाले अतिरिक्त पानी को रोककर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। जलग्रहण क्षेत्र के बाहर कुछ जलाशय और नदियां हैं। हम उनकी दिशा को मोड़ेंगे और जरूरत होने पर पानी का इस्तेमाल कर पाएंगे। आज हमारे सभी जलाशय भरे हुए हैं लेकिन हम पाकिस्तान जाने वाले पानी का अब इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे रावी की ओर मोड़ देंगे।


शेखावत ने आगे कहा कि बांध केवल बिजली उत्पादन के लिए ही नहीं बनाए जाते बल्कि पानी की कम उपलब्धता वाले समय में भी इनका इस्तेमाल होता है। सितंबर 1960 के सिंधु जल समझौते में दोनों देशों से गुजरने वाली सिंधु और इसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर नियमों का उल्लेख है।


गौरतलब है कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से बालाकोट में एयरस्ट्राइक के कारण पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों के निचले स्तर पर पहुंचने के बीच भारत के मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है। बतादें कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में और गिरावट आयी है।