UP News: जहां कुछ लोग एक-दूसरे के धर्म पर प्रहार करने से नहीं चूकते, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो सम्मान भी करते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) में सामने आया है. यहां एक मुस्लिम (Muslim) परिवार ने अपने घर के अंदर भगवान गणेश (Lord Ganesh) की प्रतिमा को स्थापित किया है. इस प्रतिमा को वह 7 दिन तक अपने घर में रखेंगे और उसके बाद विधि-विधान से उसका विसर्जन करेंगे. यह परिवार हर साल इसी तरह से गणेश प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करता है और उसका विधि-विधान से विसर्जन भी करता है.
थाना देहली गेट इलाके के शाहजमाल स्थित एडीए कॉलोनी निवासी बीजेपी की महिला मोर्चा की जयगंज मंडल उपाध्यक्ष रूबी आसिफ खान अपने पति आसिफ खान के साथ गणेश की प्रतिमा को बाजार से खरीद कर लाई और अपने घर में स्थापित किया. रूबी आसिफ खान हर साल गणेश की मूर्ति अपने घर पर गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित करती है और विधि-विधान से उसका विसर्जन भी करती हैं. इसके अलावा रूबी आसिफ खान मुसलमान के सारे त्योहार के साथ-साथ हिंदुओं के भी हर पर्व को मनाती हैं. हालांकि, पहले वह हिंदुओं के त्योहार मनाने पर कट्टरपंथी मुसलमान के निशाने पर भी रहीं.
'भेदभाव खत्म करना चाहती हूं'
रूबी आसिफ खान ने बताया, "मैंने भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की है. इसी तरह से पिछली बार भी की थी, धूमधाम से आज भी की है और इसी तरह से करती रहूंगी. मैं चाहती हूं कि सभी लोग मिल-जुलकर सारे त्योहार मनाएं. भेदभाव खत्म करना चाहती हूं. मुस्लिम-हिंदू-सिख-ईसाई, जो भेदभाव रखते हैं अपने मन में, हम सब लोग एक हैं. एकता की मिसाल देना चाहती हूं. इसी तरीके से धूमधाम से सभी त्योहार मनाते आई हूं और मनाती रहूंगी और सबको यह संदेश देती रहूंगी."
10 सालों से हिंदू धर्म के त्योहार मना रही हैं रूबी
रूबी ने आगे कहा, "वैसे तो 10 साल से मैं हिंदू धर्म के सारे त्योहार मनाती हूं. लेकिन, मैं भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित पिछले साल से की है, अब 2 साल हो गए. वह फतवे जारी करते हैं, मुझे उनका कोई डर नहीं है. उन्होंने पहले भी किए थे, मेरे पोस्टर भी लगाए थे, मुझे जिंदा जलाकर मारने के लिए लेकिन मैं उनसे डरती नहीं हूं और न डरूंगी. मुझे तो अपने हिंदुस्तान को एक करना है. सभी लोगों को जोड़ना है. हिंदू-मुसलमान का भेदभाव खत्म करना है. इसे चाहे कोई भी कुछ भी कहे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं इसी तरह से मनाती रहूंगी. आज मैंने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की है."