बरेली. यूपी-बिहार में तेल के टीन के जरिए धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है. पुलिस ने आरोपियों के पास से रिफाइंड के सैकड़ों टीन और कैश बरामद किया है. अपराधियों की तलाश यूपी और बिहार पुलिस को थी. बरेली पुलिस ने आखिरकार गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है.


कई बेगुनाहों को फंसाया
पुलिस के मुताबिक, शातिर गिरोह ने कई बेगुनाह लोगों को अपने जाल में फंसाया. बदमाशों की जालजासी के कारण कई बेगुनाहों के खिलाफ बिहार के रक्सौल में केस दर्ज किया गया. इनके कारनामों के चलते जिले का नामचीन ट्रांसपोर्टर भी फंस गया था.


दरअसल, 15 फरवरी को अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी ट्रक नंबर के कागजात लगाकर दिल्ली-पंजाब ट्रांसपोर्ट जनपद रक्सौल के माध्यम से आरती रिफाइंड फैक्ट्री नेपाल से मैरीगोल्ड रिफाइंड तेल के 1250 टीन गायब कर दिए. इसकी कीमत करीब 21 लाख रुपये बताई जा रही है. आरोपियों ने अपने ट्रक पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो नंबर बरेली का मिला. मामले में बिहार पुलिस ने आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. मामले की जांच के लिए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने क्राइम ब्रांच और इज्जतनगर पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया. जिसके बाद टीम लगातार अपराधियों की धरपकड़ के लिए लगी हुई थी.


जांच में जुटी टीम को सूचना मिली थी कि बड़े बाईपास पर विलय धाम पुल के नीचे चारों आरोपी मौजूद हैं. मुखबिर से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने वहां छापा मारा और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 683 टीन रिफाइंड तेल और 7 लाख 30 हजार रुपये कैश बरामद किया है. इसके अलावा 610 फर्जी रिफाइंड के रैपर और घटना में इस्तेमाल ट्रक और अन्य सामान बरामद किया गया है. आरोपियों का नाम रिजवान, नदीम, तस्लीम और रईस उर्फ भूरा है.


क्या बोले एसएसपी
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि बिहार के रक्सौल में बरेली के ट्रांसपोर्टर अजय दुबे के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, लेकिन अब असली गुनहगारों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बेगुनाह लोगों के नाम मुकदमे से हटा दिए जाएंगे.


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