गोरखपुर: पूजा सामग्री की आड़ में चल रहा था दुर्लभ जीवों के अंग की तस्करी का खेल, ऐसे हुआ खुलासा, तीन गिरफ्तार
गोरखपुर में वन्य जीवों की तस्करी करने वाले बड़े गैंग का भांड़ाफोड़ हुआ है. इस मामले में तीन तस्कर गिरफ्तार हुये हैं. जानकारी के मुताबिक ये चीते की खाल, नाखून, हिरन-साभंर की सींग की तस्करी करते थे, इसके अलावा इनके तार नेपाल से भी जुड़े हैं.
गोरखपुर. वन विभाग की टीम ने दुर्लभ जीवों के अंगों और वनस्पतियों की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये परचून और पूजा सामग्री की दुकान की आड़ में ये गोरखधंधा करते रहे हैं. टीम ने इनके पास से भारी मात्रा में दुर्लभ जानवरों के अवशेष हड्डियां, खाल, सींगे, दांत और वनस्पतियां भी बड़े पैमाने पर बरामद की हैं. इन तीन तस्करों में दो पिता-पुत्र हैं. इनके तार बनारस और अन्य प्रमुख शहरों के अलावा नेपाल से भी जुड़े पाए गए हैं.
बड़े रैकेट का खुलासा
गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार ने इस बड़े रैकेट का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि काफी दिनों से इस तरह की सूचना मिल रही थी कि गोरखपुर को तस्करों द्वारा वाइल्ड लाइफ ट्रेड हब बनाया जा रहा है. जिससे इन्हें अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा सके. उन्होंने बताया कि इसी बीच उन्हें वाइल्ड लाइफ इंडिया के लिए काम करने वाले दीपक से जानकारी मिली कि गोरखपुर में दो-तीन हॉटस्पाट हैं. जो इस तरह के आर्टिकल्स बेचते हैं.
हिरन-सांभर की सींग, चीते के नाखून बरामद
अविनाश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद दो टीम तैयार की गईं. आज एक बजे के करीब टाउनहाल और साहबगंज मंडी में दुकान पर रेड की गई. उन्होंने बताया कि इन तस्करों के पास से हिरन और सांभर की सींग, चीते और तेंदुआ के नाखून बरामद किए गए हैं. इसमें कितने नकली हैं ये जांच के बाद ही बताया जा सकता है. चंदन की लड़कियां भी बरामद हुई है. गौरजूनियन (सॉफ्ट कोरल्स) है, जो शेड्यूल वन में प्रतिबंधित है.
पूजा के नाम पर बेचा जाता था सामान
इसके अलावा बॉटल में स्नीक वेनम है. उसका अलग यूज है. जयकाल का हेयर और अंदर बुरादा है. इसके अलावा नील गाय के सींग भी भारी मात्रा में बरामद हुए हैं. चीते और तेंदुए की खाल और हड्डियां भी मिली हैं. सूचना मिल रही है कि अलग-अलग चीजों को अलग-अलग दाम पर पूजा के नाम पर बेचा जाता रहा है. जांच में पता चला है कि नेपाल और बनारस से भी इन लोगों के संपर्क हैं. नेपाल और बनारस से किस तरह से इनके संपर्क हैं, उसके बारे में पता लगाया जा रहा है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
तीन गिरफ्तार
अविनाश कुमार ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें टाउनहाल स्थित प्रोविजन की दुकान से पशुपति शरण पुत्र गणेश प्रसाद और उसके पुत्र विक्रम पुत्र गणेश प्रसाद के अलावा साहबगंज की दुकान से अविनाश गुप्ता पुत्र स्व. कृष्ण मुरारी को गिरफ्तार किया है. टाउनहाल की शॉप से हिरण का सींग, अन्य वन्य जीव सामग्री और हिरण का सींग, तेंदुए का नाखून, चंदन की लकड़ी, सांप का केचुल और अन्य वन्य-जीव सामग्री बरामद की है. उन्होंने बताया कि किसी भी वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत वे लागत नहीं बता सकते हैं.
उन्होंने बताया कि ये जांच चलेगी. इनका अलग-अलग बयान आ रहा है. पुलिस से भी संपर्क में हैं. बनारस और नेपाल के संपर्क के बारे में बताया जा रहा है. मुख्य रूप से ये पूजा की सामग्री की आड़ में ये सामग्री बेचते हैं. गोरखपुर से 1000 से 2000 किलोमीटर दूर बैठे लोगों को भी पता है कि ये सामग्री लेनी है, तो गोरखपुर में इनके पास ही जाना है. इससे पता चलता है कि इनके लिंक कितनी दूर-दूर तक हैं. ये सामान कहां-कहां बेचते हैं और कहां से मंगाते हैं इसके बारे में पता किया जा रहा है.
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