अयोध्या: धर्म नगरी के रूप में विख्यात अयोध्या में अधर्म का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. जिला अस्पताल में इलाज कराने आई एक युवती का आरोप है कि इमरजेंसी ड्रेसिंग रूम में ले जाकर एंबुलेंस चालक समेत चार कर्मियों ने उसके साथ रेप किया. घटना के बाद महिला के ससुराल वालों ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर फोन किया. इसके बाद पुलिस आई और अगले 12 घंटे तक केवल मैनेजमेंट का खेल चलता रहा. गुरुवार की देर शाम पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. हालांकि, कोतवाली प्रभारी नीतीश कुमार ने बताया कि इस मामले में एक बाबा को ही आरोपी बनाया गया है. अब सवाल ये उठता है कि महिला कह कुछ और रही है लेकिन पुलिस अलग ही मामला दर्ज कर रही है.
डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाने के लिए कहा
दरअसल, अयोध्या के गोसाईगंज क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की शादी कुछ साल पहले ही हुई थी. महिला का पति मुंबई में नौकरी करता है. महिला अपने ससुराल में रहती थी. 7 मार्च को पीड़ित महिला अपने घर से अयोध्या चली आई और एक बाबा के यहां रहने लगी. 10 मार्च की देर शाम महिला को घबराहट और बेचैनी की शिकायत हुई. जिस बाबा के यहां वो रह रही थी वही बाबा उसे लेकर अयोध्या के श्री राम हॉस्पिटल पहुंचा. वहां से महिला को अयोध्या जिला अस्पताल भेज दिया गया. एक एंबुलेंस उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची. पीड़ित महिला और परिजनों के अनुसार जिला अस्पताल के इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने उसे देखा और वहां मौजूद कर्मियों को इंजेक्शन लगाने के लिए कहा.
3 लोगों ने किया रेप
बताया जाता है कि इसी के बाद खेल की शुरुआत हुई. उसी समय वहां एक व्यक्ति पहुंचा जो प्राइवेट नर्सिंग होम और पैथोलॉजी के बीच का दलाल बताया जाता है. वो महिला को इमरजेंसी के ड्रेसिंग रूम में ले गया. वहां पहले से एंबुलेंस कर्मी और अन्य तीन लोग मौजूद थे. पीड़ित महिला की मानें तो एंबुलेंस ड्राइवर समेत 3 लोगों ने उसके साथ रेप किया और चौथे व्यक्ति ने उसका मुंह दबा रखा था. लेकिन, इस बीच महिला की सास ने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया. इस वजह से मुंह दबाने वाला शख्स महिला के साथ रेप नहीं कर सका. घटना के बाद पीड़िता के ससुर ने हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर पर फोन किया. उसके बाद पुलिस आई लेकिन मुकदमा दर्ज करने में 12 घंटे से अधिक का समय लग गया.
आरोपियों को बचाने में जुटी रही पुलिस
पूरे मामले में पुलिस शुरू से ही आरोपियों को बचाने में जुटी रही. लेकिन अंत में चारों आरोपियों खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया. वहीं, घटना को लेकर सीएमएस डॉ सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस को सूचना दी गई है और उसे बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर रेफर किया गया है. वहीं, इस पूरे मामले पर पुलिस लगातार कुछ भी बोलने से बचती रही.
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