प्रयागराज, मो. मोईन। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है. जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोगों की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. हालांकि, राहत की बात है कि दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे हैं, लेकिन बढ़ते पानी की रफ्तार लोगों के लिए चिंता का सबब है. दोनों नदियां आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं.


कई कच्चे रास्ते डूबे
बढ़ते जलस्तर ने संगम और आस-पास के घाटों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है. संगम जाने वाले कई कच्चे रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संगम तक जाने के लिए वे नाम का सहारा ले रहे हैं.


और बढ़ेंगी लोगों की मुश्किलें
उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार बार हो रही है. इन राज्यों में भारी बारिश के कारण आने वाले दिनों में प्रयागराज के लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती है. प्रयागराज में दोनों नदियां जब खतरे के निशान को पार कर अपने दायरे से बाहर आती हैं तो गंगा और यमुना का पानी शहरी इलाके के कई मोहल्लों में घुसने लगता है.


नाकाफी है सरकारी इंतजाम
सरकार की सख्त हिदायत के बावजूद प्रशासन अभी कोई खास कदम नहीं उठा सका है. सरकारी अमले की पूरी कवायद सिर्फ कागजों में ही नजर आ रही है. ऐसे में जिले के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.


बाढ़ से 14 लोगों की मौत
प्रदेश के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. खबर के मुताबिक, 16 जिलों के 800 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है. प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने मंगलवार को बताया कि विभिन्न जिलों में आई बाढ़ के कारण हुए हादसों में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है.


ये भी पढ़ें:



उत्तर प्रदेश में बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत, 838 गांव सैलाब से प्रभावित



उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से एक ही दिन में सर्वाधिक 77 मरीजों की मौत, सबसे ज्यादा 14 मौतें कानपुर में