Ganga Dussehra 2022: अयोध्या में गंगा दशहरे के मौके पर आज सरयू का विशेष पूजन अर्चन किया गया और 600 मीटर की लंबी चुनरी सरयू को चढ़ाई गई. धार्मिक मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन भागीरथी जी गंगा जी को लेकर पृथ्वी पर आए थे. इसलिए इस अवसर को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. गंगा नहीं पहुंच सकनेवाले लोग सरयू का पूजन अर्चन कर पुण्य अर्जित करते हैं. शास्त्रों में लिखा है "गंगा बड़ी गोदावरी ना तीर्थराज प्रयाग सबसे बड़ी अयोध्या जहां रामलीहीन अवतार".
गंगा दशहरा के मौके पर सरयू का विशेष पूजन
संकट मोचन हनुमान के महंत परशुराम दास की अगुवाई में लगभग दो दर्जन शिष्यों ने माता सरयू का पूजन कर सवा कुंटल दूध से दुग्धाभिषेक किया और 600 मीटर लंबी चुनरी माता सरयू को चढ़ाया. संत समाज ने सरयू स्नान कर गंगा दशहरे के दिन सरयू पूजन का विशेष अनुष्ठान भी किया. चुनरी चढ़ाने के बाद माता सरयू जी की भव्य आरती उतारी गई. इस दरमियान श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद सरयू पूजन में शामिल हुई.
धार्मिक मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही भागीरथी गंगा को लेकर पृथ्वी पर आए थे. तब से गंगा दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गंगा दशहरा पर गंगा जी का स्नान कर पूजन अर्चन करने का विशेष फल प्राप्त होता है. गंगा नहीं पहुंच सकनेवाले लोग सरयू का पूजन अर्चन कर पुण्य कमाते हैं. गंगा दशहरे के मौके पर किया गया दान पुण्य पितरों को भी शांति पहुंचाता है.
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600 मीटर की चुनरी चढ़ाकर हुआ दुग्धाभिषेक
सरयू जी को चुनरी चढ़ाकर दुग्धाभिषेक करने वाले सिद्ध पीठ संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत परशु राम दास ने बताया कि आज गंगा दशहरा है. धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन ही मां गंगा पृथ्वी पर आयी थी. गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में माता सरयू को चुनरी चढ़ाई गई है और सवा कुंटल देसी गाय के दूध से दुग्धाभिषेक किया गया है. अनादिकाल से सरयू और गंगा का अस्तित्व है. देव रूप में साक्षी मानकर इनकी पूजा की जाती है. माता सरयू को गंगा दशहरे के उपलक्ष्य में 600 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई है और 125 लीटर दूध से माता सरयू का अभिषेक किया गया.