Ganga Dussehra 2022 At Garhmukteshwar: सनातनी पवित्र पर्व ऐतिहासिक गंगा दशहरे (Ganga Dussehra) को आज बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. कई जनपदों और राज्यों से श्रद्धालु तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर (Garhmukteshwar) के बृजघाट पहुंच रहे हैं और मां गंगा (Ganga River) में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मिक शांति एवं मोक्ष की प्रार्थना कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो सालों से यहां मेला आयोजन को रद्द कर दिया गया था, लेकिन अब दो साल बाद एक बार फिर से मेले में जबर्दस्त भीड़ उमड़ी. श्रद्धालुओं में काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे हैं.


गंगा दशहरा की मान्यता
मान्यता के अनुसार भागीरथ की कठिन तपस्‍या के बाद ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के हस्त नक्षत्र में मां गंगा धरती पर उतरी थीं. इस दिन को गंगा दशहरा के नाम से पूजा जाता है. इसके जल के स्‍पर्श से भागीरथ के पूर्वज श्राप से मुक्‍त हुए थे. कहा जाता है क‍ि गढ़ गंगा में डुबकी लगाने वाले हरिद्वार से अधिक पुण्‍य के भागीदार बनते हैं. यहीं पर भगवान शिव के गणों को मुक्ति मिली थी. महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों का व्‍याकुल मन भी यहीं पर शांत हुआ.
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सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
गंगा दशहरा पर लगने वाले मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़े स्तर पर इंतजाम किए गए हैं. बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स, एनडीआरएफ की टीम, पीएसी बटालियन, डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते को सुरक्षा के मद्देनजर  तैनात किया गया है. सीसीटीवी से मेले की निगरानी की जा रही है. 11 स्थाई पार्किंग भी बनाई गईं हैं. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग 9 बृजघाट गंगा ब्रिज पर जाम की स्थिति से निपटने के लिए भारी वाहनों का रूट भी डायवर्ट किया गया है.


श्रद्धालुओं के लिए की गई खास व्यवस्था
जनपद हापुड़ मेरठ के शीर्ष अधिकारी हर स्थिति से निपटने के लिए मेले में होने वाली गतिविधियों पर भी अपनी नजर बनाए हुए हैं वहीं नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर की तरफ से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बैरिकेटिंग, चेंजिंग रूम, मोबाइल टॉयलेट व लाइट की व्यवस्था भी बड़े स्तर पर सुनिश्चित की गई है. 


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