लखनऊ: एबीपी गंगा के खास कार्यक्रम महा अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि आजादी के बाद जितने भी फैसले अब तक किसानों के हित में हुए होंगे उनमें सर्वाधिक फैसले करने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. खुद को किसान का बेटा बताते हुए राणा ने कहा कि वो हमेशा स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू करने के बात सुनते थे लेकिन 200 से ज्यादा सिफरिशों को लागू करने का काम प्रधानमंत्री ने किया है. उन्होंने कहा कि 18 हजार गांव के किसानों तक बिजली पहुंचाने का काम भी पीएम मोदी ने ही किया है.


किसानों को केंद्र में रखकर बने हैं कानून
कृषि कानूनों के लेकर मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों को केंद्र में रखकर बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि आज कई लोग जो धरने में शामिल हैं उन्होंने भी कहा था कि सरकार ने उनकी मांगों का पूरा करने करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि किसानों के गुमराह करके आंदोलन खड़ा करने का काम किया गया है. किसान जकड़न में था, उसके पास अपनी फसल बेचने का सीमित मार्केट था. किसान की जकड़न को खत्म किया गया है. अब किसान देश में कही भी अपनी फसल को बेच सकता है. इसका लाभ किसानों को ही होगा.


भ्रम फैलाए गए हैं
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाए गए हैं. ये भ्रम भी फैलाया गया कि किसानों की जमीन हड़प ली जाएगी. मंत्री ने कहा कि कृषि कानून में जमीन की चर्चा ही नहीं है. सिर्फ फसलों के करार की चर्चा है. महा अधिवेशन के मंच ने मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि यदि किसानों के मन में कोई सुझाव है तो बीजेपी हर समय वार्ता के लिए तैयार है.


सपा करती है सियासत
राणा ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं. तथ्यों को तोड़-मरोड़कर अर्थहीन बात की जा रही है. मौके चाहे सीएए का रहा हो, ट्रिपल तलाक का रहा हो या फिर कृषि कानून का...सपा का काम सियासी रोटी सेंकना है. ये लगातार इसी इंतजार में रहते हैं. हर विषय पर सियासत करना उचित नहीं है. बीजेपी ने हमेशा किसानों का सम्मान किया है. मंत्री ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 4 सालों में यूपी के नजरिए को बदला है.


आंदोलन को दबाया जा रहा है
महा अधिवेशन में सपा नेता अरविंद सिंह गोप ने कहा कि तीन महीने से ज्यादा का समय बीत गया है. किसान आज भी सड़कों पर बैठा है. राकेश टिकैत का जिक्र करते हुए सपा नेता ने कहा कि सरकार के रवैये की वजह से आज किसानों की आंख में आंसू हैं. अरविंद सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को लाठी के दम पर दबाने की कोशिश की जा रही है. सपा ने सीधे तौर पर कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि किसान मजबूत है और जब सड़क पर निकलेगा तो सरकार के पास जवाब नहीं होगा. सपा नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सरकारे आती और जाती हैं. लेकिन, आज किसान परेशान है.


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