देवकीनंदन ठाकुर बोले- गंगा को बचाने के लिए सरकार को लेनी चाहिए संत-महात्माओं की मदद, बापू चिन्मयानंद ने कही बड़ी बात
गंगा प्रतिज्ञा कार्यक्रम में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि नदियों को बचाने के लिए सरकार को संत-महात्माओं की मदद लेनी चाहिए. बापू चिन्मयानंद ने गंगा में शव बहाए जाने पर चिंता जताई.
गंगा नदी साफ और निर्बाध तरीके से बहे इसे लेकर एबीपी गंगा ने एक ई कार्यक्रम का आयोजन किया. एबीपी गंगा की टीम गंगा पर सबसे बड़ा अभियान चला रही है. गंगा को साफ और अविरल बहने के लिए लोग अपने स्तर से भी प्रयास करें इसके लिए एबीपी गंगा की टीम जन जागरुकता कार्यक्रम चला रही है. इस कार्यक्रम में देशभर के विशेषज्ञों और उत्तर प्रदेश के तमाम नेताओं ने भी भाग लिया. कार्यक्रम में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और बापू चिन्मयानंद ने भी अपने विचार रखे.
गंगा-यमुना दोनों को सुरक्षित करना जरूरी
गंगा प्रतिज्ञा e-संकल्प कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जिस स्तर पर हम लोगों को गंगा को बचाने के लिए काम करना चाहिए, उस स्तर पर काम नहीं हो रहा है. गंगा-यमुना दोनों को सुरक्षित करना जरूरी है. दोनों नदियां अगर सुरक्षित नहीं है तो मानव जाति का जीवन भी सुरक्षित नहीं है. दोनों नदियां हमारे लिए अमृतमय है.
साधु-संतों को मिले जिम्मेदारी
देवकीनंदन ठाकुर ने आगे कहा कि गंगा-यमुना समेत सभी आध्यात्मिक नदियों को बचाना चाहिए. नदियों को बचाने के लिए सरकार को संत-महात्माओं की मदद लेनी चाहिए. नदियों को बचाने की जिम्मेदारी संतों को दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करता रहूंगा.
बापू चिन्मयानंद ने गंगा में शव बहाने पर जताया दुख
कथावाचक बापू चिन्मयानंद ने गंगा में शव बहाए जाने पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे गंगा और उसमें रहने वाले जीव-जंतुओं का अपराध हो रहा है. इसमें मां गंगा को अपवित्र करने का भी अपराध नजर आता है. गंगा को बचाने के लिए सभी का प्रयास जरूरी है.
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