गंगा नदी साफ और निर्बाध तरीके से बहे इसे लेकर एबीपी गंगा ने एक ई कार्यक्रम का आयोजन किया. एबीपी गंगा की टीम गंगा पर सबसे बड़ा अभियान चला रही है. गंगा को साफ और अविरल बहने के लिए लोग अपने स्तर से भी प्रयास करें इसके लिए एबीपी गंगा की टीम जन जागरुकता कार्यक्रम चला रही है. इस कार्यक्रम में देशभर के विशेषज्ञों और उत्तर प्रदेश के तमाम नेताओं ने भी भाग लिया. कार्यक्रम में स्वामी ज्ञानानंद और कथावाचिका देवी चित्रलेखा भी जुड़ीं और अपने विचार रखे.
गंगा आस्था की दिव्य धारा: स्वामी ज्ञानानंद
गंगा प्रतिज्ञा कार्यक्रम में स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गंगा हमारे लिए आस्था की दिव्य धारा है. साथ ही ये सांस्कृतिक धरोहर भी है. देश में कोई भी पक्ष गंगा से अछूता नहीं है. हम सबका दायित्व बनता है कि गंगा में किसी भी तरह की गंदगी फेंकने से परहेज करें और लोगों को इसके लिए जागरूक करें. कोरोना काल में गंगा में शव बहाया जाना उचित नहीं है.
मां गंगा को शुद्ध रखना हम सबका काम: स्वामी ज्ञानानंद
स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गंगा के प्रदूषण में हम सबका हाथ है. जनता से लेकर सरकार तक अपना दायित्व नहीं समझ पा रही है. गंगा सफाई में जन-जन की भागीदारी जरूरी है. गंगा को लेकर स्वच्छता अभियान चलाने की जरूरत है. गंगा जी को स्वच्छ रखने के लिए संकल्प लेना होगा. उन्होंने आगे कहा कि सभी संतों को एक साथ आगे आकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.
गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी: देवी चित्रलेखा
एबीपी गंगा के इस कार्यक्रम गंगा प्रतिज्ञा में कथावाचिका देवी चित्रलेखा भी जुड़ीं. उन्होंने कहा कि मां गंगा सिर्फ एक स्थान को नहीं बल्कि सभी लोक को पवित्र करती हैं. गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि पूजा का मतलब गंगा में किसी चीज को डालना नहीं है बल्कि गंगा से गंदगी को निकालना है. इससे गंगा मैया प्रसन्न होंगी. शहरों और गांवों से जाने वाली गंदगी गंगा को प्रदूषित कर रही है.
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