वाराणसी, एबीपी गंगा। वाराणसी में गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा उफान पर है। एक सेमी प्रति घण्टा की रफ्तार से बढ़ते हुए जलस्तर ने गंगा के रूप को रौद्र बना दिया है वहीं वरुणा भी घरों पर कहर बनकर टूट रही है। आलम ये है कि नक्खीघाट क्षेत्र में वरुणा का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। बुनकर बाहुल्य क्षेत्र में पावर लूम जलमग्न है और जिनके घर डूबे हैं वो यहां से पलायन कर गए हैं।
घरों में पानी भर गया है, लोग छतों पर शरण लिए हैं। इतना ही नहीं बाढ़ का दंश झेल रही महिला परेशानहाल है लेकिन अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है। एबीपी गंगा से दर्द साझा करने में इनकी जुबान भर आईं लेकिन नदी तो नदी है और इन दिनों नदियों का तेवर तल्ख है।
गौरतलब है कि बाढ़ हर साल आती है और इस बार भी आई थी पानी वापस भी हो गया था लेकिन अचानक बढ़े जल की वजह से दिक्कतों का अंबार है। प्रशासन की ओर से बाढ़ग्रस्त इलाकों में नाव की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ सुरक्षा को लेकर सतर्क है और अधिकारी भी लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं।
वाराणसी में जहां चार दर्जन से अधिक गांव बाढ़ में डूब चुके हैं वहीं दूसरी ओर कई निचले इलाकों में बसी कालोनियां भी बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं। बाढ़ पीडितों में प्रशासन की ओर से राहत सामग्री भी वितरित होने के साथ फंसे लोगों को निकालने की कवायद चल रही है। बाढ़ ने शहर के करीब फुलवरिया गांव को भी अपनी जद ले लिया है। वरुणा नदी के पास इमलियाघाट नाले के समीप के परिवारों को कैन्ट के फुलवरिया चौकी प्रभारी अजीत पासवान के नेतृत्व में पुलिस ने नाव के माध्यम से सुरक्षित सुबह से निकालना शुरू कर दिया है।
साल 2013 के बाद यह पहला मौका है जब गंगा ने वाराणसी में खतरे के निशान को पार कर लिया है। बुधवार की सुबह 11 बजे तक गंगा नदी 71.29 तक पहुंच चुकी है।