प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में एबीपी की खबर का असर हुआ है. कुछ दिनों तक मैली नजर आ रही गंगा नदी अब साफ दिख रही है. यही नहीं, गंगा की धारा यहां अब अविरल व निर्मल सी हो गई है. गंगाजल का न सिर्फ रंग बदल गया है, बल्कि उसका प्रवाह भी काफी बढ़ गया है. पानी बढ़ने से गंगा यहां अपने पुराने स्वरुप में नजर आने लगी है. गंगा की हालत में हुए इस बड़े बदलाव से मेले में आए श्रद्धालु, संत-महात्मा काफी खुश हैं. वह अब आस्था के गंगा की गोद में मोक्ष की डुबकी लगा रहे हैं. श्रद्धालु आचमन कर रहे हैं और साथ ही मोक्षदायिनी व जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा के जल का पान कर रहे हैं.
श्रद्धालुओं का कहना है कि एबीपी पर खबर दिखाए जाने के बाद ही सरकारी अमला हरकत में आया. प्रशासन ने ना सिर्फ नरौरा से लेकर कानपुर तक ज्यादा पानी छोड़ा, बल्कि नालों के गंदे पानी को गंगा में सीधे गिरने पर भी अंकुश लगाया. उम्मीद जताई जा रही है कि 28 जनवरी को पड़ने वाले माघ मेले के दूसरे स्नान पर्व तक गंगाजल और भी बेहतर हो जाएगा और श्रद्धालु पूरे मन और आस्था के साथ इसमें डुबकी लगाकर पुण्य कमाने का काम करेंगे.
दो महीने तक चलेगा माघ मेला
गौरतलब है कि प्रयागराज में संगम की रेती पर इन दिनों माघ का मेला लगा हुआ. 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू होकर तकरीबन दो महीने तक चलने वाले आस्था के इस मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. मेला शुरू होने से पहले संगम पर पहुंचने वाला गंगाजल काफी प्रदूषित था. पानी काफी काला और मटमैला नजर आता था. पानी का बहाव भी काफी कम था, इस वजह से इसमें काफी गंदगी भी बहकर आती थी. गंगा की इस दुर्दशा को लेकर संत महात्माओं से लेकर श्रद्धालुओं तक ने काफी नाराजगी जताई थी.
पीएमओ ने किया जवाब तलब
साथ ही पीएमओ ने इस पर पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जवाब तलब कर लिया था. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले में जांच कराने का आदेश दिए. खुद पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अफसरों ने भी माना था कि उस वक्त का गंगाजल आचमन करने और पीने लायक नहीं है.
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