वाराणसी: बाढ़ और लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा में उफान जारी है और संकट बनता जा रहा है. बताया जा रहा है कि हर दो घण्टे में एक सेन्टीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, लिहाजा किनारे अब दहशत में हैं.


सीढ़ियां जलमग्न मंदिर जलगोश


घाटों का शहर बनारस इन दिनों पानी का शहर बन चुका है. घाट की सीढ़ियां जलमग्न हैं, किनारे के मंदिर भी जल में विलीन हो चुके हैं. हर ओर बढ़ता गंगा का जलस्तर और जलप्रलय सा दृश्य सबको डरा रहा है.


ठप्प है रोजगार


गौरतलब है कि गंगा और घाट का किनारा सैकड़ों लोगों के व्यवसाय का माध्यम है. पुरोहित यजमानों से नाविक पर्यटकों से और माला फोटो विक्रेता इन दोनों से जुड़कर अपना व्यवसाय चलाते हैं. लेकिन बाढ़ के कारण सब कुछ अस्त व्यस्त हो गया है. पुरोहित ऊपर की ओर ठौर ढूंढ रहे हैं. यजमान पानी बढ़ने से घाट किनारे आ नहीं रहे हैं. नौका शांत है और रोजगार ठप्प हो गया है. आने वाले दिन और भी कष्टदायी होने वाले हैं.


इंतजाम सवालों के घेरे में


पानी के बढ़ने के साथ दावों के सच भी सामने आने लगे हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ से पहले ऐसा दावा किया था मानो बाढ़ शुरू होते ही इंतजाम दिखाई दिये जाएंगे,  लेकिन कोरोना काल का संकट झेलने वाले बाढ़ पीड़ित आज भी बदहाल हैं और उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं.


दावे जमीन पर उतारने की जरूरत


प्रशासनिक दावे अगर जमीन पर उतरे तो निश्चित तौर पर लोगों को राहत मिलेगी. अब देखना ये होगा कि क्या दावे हकीकत का रूप लेते हैं?


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