Ganga Vilas Cruise: सबसे सस्ता क्यों माना जाता है जलमार्ग, क्या है पानी पर सफर के फायदे?
Delhi News: गंगा विलास क्रूज की 51 दिनों यात्रा की आज से शुरू हो रही है. वाराणसी अब दुनिया के रिवर क्रूज नक्शे पर नजर जाएगा. वास्तुशिल्प के लिहाज से गंगा विलास क्रूज 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी.
Delhi News: दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा (Cruise Travel) आज से शुरू हो चुकी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) क्रूज गंगा विलास को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर काशी से रवाना किया है. गंगा विलास क्रूज 51 दिनों के सफर में 3200 किलोमीटर की यात्रा तय करने वाला है. जिससे वाराणसी दुनिया के रिवर क्रूज नक्शे पर आ जाएगा.
15 दिनों तक बांग्लादेश से होकर गुजरेगा गंगा विलास क्रूज
गंगा विलास क्रूज अपने 51 दिनों के सफर में 15 दिनों तक बांग्लादेश से होकर गुजरेगा. अपने सफर में गंगा विलास क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगा. वास्तुशिल्प के लिहाज से अहम 50 से अधिक जगहों पर यह यात्रा रुकेगी. गंगा विलास क्रूज के अलावा पीएम मोदी ने उत्तर वाहिनी गंगा के पूर्वी छोर यानी गंगा पार रेत में बसाए गए तंबुओं के शहर (Tent City) का भी लोकार्पण किया.
आखिर देश में कौन-कौन से घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग, इससे कितने माल की आवाजाही होती है इसके अलावा इस सफर के क्या फायदे है समझिए इन खास तथ्यों से-
पानी पर सफर
देश में कुल 111 जलमार्ग है जिनमें 5 पुराने, 106 नए जलमार्ग है. 20,275 किमी. के जलमार्ग 24 राज्यों में फैले हुए है. इनमें 10.87 करोड़ टन कार्गो की ढुलाई होती है. साल 2013-14 में 1.88 करोड़ टन माल की आवाजाही जलमार्ग से हुई है. इसके अलावा 2021-22 में 10.87 करोड़ टन माल की आवाजाही हुई है.
सबसे सस्ता माना जाता है जलमार्ग
1 टन प्रति किलोमीटर ढुलाई के हिसाब से सड़क मार्ग से खर्च जहां 96 पैसे आता है तो रेलगाड़ी से 50 पैसे और जलमार्ग से महज 35 पैसे खर्च आता है.
जलमार्ग से सफर के फायदे
जलमार्ग से सबसे बड़ा फायदा है इससे सड़क की जाम में फंसने का कोई डर नहीं होता. इसके अलावा एक्सीडेंट का खतरा सबसे कम होता है. भारी सामानों की ढुलाई अन्य साधनों के मुकाबले जलमार्ग से आसान है.
यह है देश के 5 घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग
नेशनल वाटरवेज-1- प्रयागराज (यूपी) से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक, कुल दूरी- 1,620 किमी
नेशनल वाटरवेज- 2- सदिया (असम) से धुबरी (असम) तक, कुल दूरी- 891 किमी
नेशनल वाटरवेज- 3- कोल्लम (केरल) से कोट्टापुरम (केरल) तक, कुल दूरी- 205 किमी
नेशनल वाटरवेज- 4- काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से पुडुचेरी कैनाल तक, कुल दूरी- 1,078 किमी
नेशनल वाटरवेज- 5- पश्चिम बंगाल से ओडिशा तक, कुल दूरी- 588 किमी
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