प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। कुंभ नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से तकरीबन ढाई मीटर नीचे है, लेकिन इनमे आई बाढ़ ने अभी से तबाही मचानी शुरू कर दी है। निचले इलाकों में पानी भरने लगा है और लोग घर- बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। तेजी से पानी बढ़ने के बाद प्रशासन ने एक बार फिर अलर्ट जारी कर दिया है। निचले इलाके खाली कराए जा रहे हैं।



सबसे ज्यादा दिक्कत संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है। संगम जाने वाले सभी रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं और करीब एक किलोमीटर तक सड़क पर पानी भर गया है। जिन सड़कों पर तीन दिन पहले वाहन फर्राटा भरते थे, आज वहां नावें चल रही हैं। तमाम लोगों के मकानों व दुकानों में बाढ़ का पानी भर गया है। विश्व प्रसिद्द हनुमान मंदिर परिसर में भी पानी घुस गया है। आज रात तक पूरा मंदिर बाढ़ के पानी की चपेट में आ सकता है।


प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठाए जाने के दावे किये हैं। सौ के करीब बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा कई फ्लड रिलीफ कैंप खोले गए हैं। कंट्रोल रूम शुरू कर दो नंबर जारी किये गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम को यहां बुलाकर अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि बाढ़ के हालात को देखते हुए सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। कहा यह भी जा सकता है कि सरकारी अमला कागजों पर ज्यादा और हकीकत में कम सक्रिय नज़र आ रहा है। दोनों नदियों के जलस्तर में अभी दो से तीन दिन और बढ़ोत्तरी की आशंका है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।