कोरोना काल में बढ़ी गंगाजल की मांग, डाक विभाग ने बताया- तीन महीने में कितनी बढ़ी होम डिलीवरी
उत्तराखंड डाक विभाग ने गंगाजल की मांग में वृद्धि दर्ज की है. डाक विभाग के मुताबिक, कांवड़ यात्रा और चार धाम यात्रा स्थगित होने के कारण गंगाजल की मांग में और वृद्धि दर्ज की जा सकती है.
Gangajal Demand increase: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा और कांवड़ यात्रा स्थगित होने के चलते गंगाजल की होम डिलीवरी बढ़ गई है. उत्तराखंड के डाक विभाग ने देशभर से गंगाजल की मांग में वृद्धि दर्ज की है.
साल 2016 में केंद्र सरकार ने देशभर के 22 सर्किलों में डाकघरों से बोतलबंद गंगाजल की बिक्री की योजना शुरू की थी. डाक विभाग गंगाजल की 250 मिलीलीटर बोतलें डिलीवरी करता है, जिसकी कीमत 30 रुपये है. गंगाजल को अप्रैल और मध्य नवंबर के बीच इकट्ठा किया जाता है. इस समय चार धाम मंदिरों के मार्ग खुले होते हैं.
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, डाक विभाग ने गंगाजल वितरित करने के आंकड़ें जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल से जून के बीच कुल 45,648 बोतलें वितरित की गई हैं. इसी अवधि में 2020 और 2019 में क्रमशः 42,288 और 42,960 बोतलें वितरित की गईं.
और बढ़ सकती है मांग
उत्तराखंड सर्कल के सहायक निदेशक एस के कंडवाल ने कहा कि चार धाम यात्रा और कांवड़ यात्रा स्थगित होने के कारण गंगाजल की मांग और बढ़ सकती है. उन्होंने बताया कि बोतलबंद गंगाजल की सबसे ज्यादा मांग तमिलनाडु, झारखंड, दिल्ली, बिहार और कर्नाटक से आती है.
गंगोत्री से लिया जाता है गंगाजल
अधिकारियों ने कहा कि जब गंगाजल की होम डिलीवरी परियोजना शुरू की गई थी. तब गंगाजल ऋषिकेश से भरा जाता था. हालांकि, बाद में गंगोत्री से गंगाजल लिया जाने लगा. कंडवाल ने बताया कि उत्तरकाशी में एक प्लांट लगाया गया है. वहां गंगाजल के पानी को फिल्टर किया जाता है और फिर उसके बोतलों में भरा जाता है.
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