Garhwal News: श्रीनगर गढ़वाल (Shrinagar Garhwal) में स्थित राजकीय उप जिला अस्पताल में धीरे-धीरे विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होती जा रही है. चिकित्सकों के अभाव में वर्तमान में यहां तीन विभाग बंद हो गए हैं, एक विभाग पर भी जल्दी ताला लग सकता है. इस वजह से मरीजों के समक्ष परेशानी खड़ी हो सकती है. विशेषकर स्त्री रोग और प्रसूति विभाग की सेवाएं पटरी से उतर सकती हैं.
राजकीय उप जिला अस्पताल पर पौड़ी और टिहरी जिले के अधिकांश क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का दारोमदार है, इसके अलावा यहां चमोली और रुद्रप्रयाग जिले से भी काफी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. कुछ समय पहले तक यहां नेत्र-नाक-गला रोग (ईनएनटी), हड्डी रोग और नेत्र रोग विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात थे. जिससे मरीजों को लाभ पहुंच रहा था. अब यहां विभिन्न कारणों से चिकित्सकों का अभाव हो गया है.
डॉक्टरों की कमी से तीन विभाग बंद
ईएनटी विभाग में पिछले साल बांडधारी चिकित्सक डॉ. रवि बनिया की नियुक्ति हुई थी. बांड की समयावधि खत्म होने के बाद डॉ. बनिया चले गए हैं. जिससे यहां ईएनटी की ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) और आईपीडी (आंतरिक रोग विभाग) बंद हो गई है. तीनों हड्डी रोग विशेषज्ञ अवकाश पर हैं. हड्डी रोग विभाग में दो विशेषज्ञ डॉक्टर गौतम नैथानी और डॉ. नरेंद्र बुटोला कार्यरत हैं. इसके अलावा एक अन्य पीजी आर्थोपेडिक्स (स्नातकोत्तर हड्डी रोग) डिग्रीधारी डॉ. गुंजन उपाध्याय भी हैं. हालांकि उनकी नियुक्ति एमबीबीएस के आधार पर हुई है.
डॉ. नैथानी 20 जून से 17 अक्टूबर तक अवकाश पर हैं. जबकि डॉ. बुटोला भी फैलोशिप करने के लिए एक मई से बिना वेतन अवकाश पर चल रहे हैं. डॉ. उपाध्याय भी 12 अगस्त को फैलोशिप करने चले गए हैं.हड्डी रोग विभाग में भी आजकल ताला लगा हुआ है. साथ ही नेत्र रोग विभाग में जून माह से ताला लगा हुआ है. अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. भाष्कर पैन्यूली का जून महीने में आकस्मिक निधन हो गया था.
स्त्री रोग विभाग भी हो सकता है बंद
स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती है. डॉ. सोनाली शाही सीसीएल (चाइल्ड केअर लीव) पर चल रही हैं. यहां डॉ. नेहा बांडधारी चिकित्सक हैं. उन्होंने विभाग से बांड तोड़ने का अनुरोध किया है. अगर उनका अनुरोध स्वीकार होता है, तो यह विभाग भी बंद हो जाएगा. पूरे मामले में सीएमएस डॉ. गोविंद पुजारी का कहना था कि हाल में एक नेत्र रोग विशेषज्ञ को उप जिला अस्पताल में नियुक्त किया गया है. उन्होंने अभी कार्यभार ग्रहण नहीं किया है. डॉ. नेहा के प्रार्थना पत्र को निदेशालय भेज दिया गया है, जबकि पूरे मामले में डीजी हेल्थ को भी अवगत कराया गया है. अस्पताल में व्यवस्थाओं को बनाने की कोशिश की जा रही है.
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