वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए नगर निगम ने वाराणसी में सैनेटाइजेशन का आधुनिक तरीका अपनाया है। यहां गरुण ड्रोन के माध्यम से हॉटस्पॉट एरिया  में सैनेटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है।


वाराणसी के हॉटस्पॉट पर आसमान से सैनेटाइजेशन

वाराणसी में अब पांच हॉटस्पॉट हैं। इसके साथ ही पांच बफर जोन भी बनाए गए हैं। हॉटस्पॉट एरिया में मदनपुरा, बजरडीहा, लोहता, गंगापुर और नक्खीघाट शामिल हैं। यहां पर पहले से ही छिड़काव का कार्य किया जा रहा था, लेकिन छिड़काव में समय ज्यादा लग रहा था, ऐसे में गरुण ड्रोन कम समय में हर ओर छिड़काव करने में मददगार साबित हो रहा है।



इसके जरिए पहले हॉटस्पॉट में छिड़काव पूरा किया जाएगा और इसी क्रम में पहले दिन मदनपुरा क्षेत्र से इसकी शुरुआत की गई। इसके बाद अगर समय बचा, तो अन्य हिस्सों में भी छिड़काव करने की मंशा है।





ड्रोन बचाएगा नगर निगम की मैन पावर


वाराणसी में अभी तक सफाई कर्मियों के द्वारा सैनेटाइजेशन का कार्य किया जा रहा था। नगर आयुक्त गौरांग राठी की मानें, तो छिड़काव में मैन पावर ज्यादा लगता था और सफाईकर्मियों की जान का भी जोखिम था। हालांकि, शहर सकरी गलियों का है। लिहाजा यहां अगर ड्रोन से सैनेटाइजेशन होता है, तो काम भी जल्दी होगा और मैन पावर की बचत होगी। जिन्हें अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। चूंकि लॉकाडाउन की वजह से लोग घरों में हैं इसलिए दवा के छिड़काव से किसी को नुकसान भी नहीं होगा।


सकरी गालियां गरुण को दे रही सैनेटाइजेशन का चैलेंज
आकर्षण का केंद्र बना गरुण ड्रोन एक बार में 10 लीटर सैनेटाइजेशन का घोल लेकर उड़ेगा और 20 किलोमीटर के क्षेत्र में सैनेटाइजेशन का कार्य करेगा। ऐसे दावे किए जा रहे हैं, लेकिन काशी संकरी गलियों का शहर है और जो हॉट स्पॉट हैं वो भी ज्यादातर वही क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा संकरी गालियां हैं।


हालांकि नगर आयुक्त इस चैलेंज को लेने के लिए तैयार है और हर ओर सैनेटाइजेशन का दावा भी कर रहा है। लेकिन अब देखना ये होगा कि उड़ान के सहारे से सैनेटाइजेशन के कार्य में नगर निगम को कितनी सफलता मिलती है?


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