Gautam Buddha Nagar News: यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. अलॉटी का कहना है कि अलग-अलग कार्य के लिए मोटी रकम वसूली जाती है. प्लॉट को ट्रांसफर करने के लिए टेबल दर टेबल पैसे की डिमांड की जाती है. अलॉटी की शिकायत के बाद सीईओ अरुनवीर सिंह ने जांच का आदेश जारी कर दिया है. आरोप है कि आवंटियों को प्लॉट ट्रांसफर करने के लिए इधर-उधर भगाया जाता है. टेबल दर टेबल रिश्वत का रेट फिक्स होता है. आवंटी पवन सिंघल ने बताया कि मैं यमुना प्राधिकरण के अलॉटी हूं. मेरा एक प्लॉट ट्रांसफर हुआ है. यमुना विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम पर है. हर टेबल पर पैसों की डिमांड होती है. अलग-अलग टेबल का रेट फिक्स है.
'यमुना प्राधिकरण में हर टेबल का रेट फिक्स'
आवंटियों को अपना काम करने के लिए प्रत्येक टेबल पर 100 से 200 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से रिश्वत देने पड़ते हैं. आवंटी पवन सिंघल ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर अधिकारियों ने दुत्कार कर भगा दिया. आवंटी ने कहा कि यमुना प्राधिकरण के अंदर प्रत्येक टेबल पर जबरन पैसा वसूली का चलन बन गया. उसका कहना है कि अधिकारियों की मांग पूरी करने में एक से दो दिन की देरी होने पर प्लॉट या भूखंड कैंसिल कर दिया जाता है.
अलॉटी की शिकायत के बाद जांच का आदेश
विकास प्राधिकरण का चक्कर डेढ़ साल से रिफंड करने के लिए लगा रहा हूं. आवंटी ने बताया कि रिफंड के डेढ़ करोड़ रुपये डेढ़ साल बाद भी वापस नहीं मिल पाए. यमुना विकास प्राधिकरण के दोहरे मापदंड से काफी परेशान है. आवंटी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है. मामले की कई बार शिकायत की जा चुकी है. आवेदन देने के बाद भी अभी तक एक्शन नहीं हुआ है. रिश्वतखोर अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए. सीईओ अरुनवीर सिंह ने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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