नोएडा: गौतमबुद्धनगर के प्रथम पुलिस कमीश्नर आलोक सिंह, वर्ष 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी को आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गृह मन्त्रालय की ओर से उनके पुलिस विभाग में असाधारण सेवा के लिए उत्क्रष्ट सेवा मैडल प्रदान किया. तेज तर्रार छवि के आलोक सिंह कानपुर व मेरठ रेन्ज के आईजी रह चुके हैं, तथा मेरठ आईजी रहते हुए 1 जनवरी 2020 को उनका प्रमोशन एडीजी पद पर हुआ था. मूल रूप से अलीगढ के रहने वाले आलोक सिंह को डीजीपी के सिल्वर और गोल्ड डिस्क से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने इटली और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग भी ली है एवं भारत सरकार में पाॅलिसी लेवल पार्लियामेन्ट सम्बन्धी कार्यो के पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त रहे व एयर इंडिया में डायरेक्टर, सुरक्षा भी रहे हैं.


अपनी प्रथम नियुक्ति एएसपी सहारनपुर के पद पर रहते हुये थाना सरसाव में आंतकियों से मुठभेड के दौरान आतंकियों को पकड़ा ,उस मुठभेड़ में एक निरीक्षक गोली लगने से घायल हुये. इसके अलावा सोनभद्र जिले में नक्सल क्षेत्रों में असाधारण क्षमता का परिचय देते हुये 03 नक्सलवादियों को मार गिराया तथा उनके द्वारा पीएसी के जवानों से लूटी हुयी रायफलें भी बरामद की. इस कार्य के लिए आलोक सिंह को राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया गया.


अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने पर मेरठ में आई जी रहते हुये इन्होंने दोनों पक्षों के बीच सामन्जस्य बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. आलोक सिंह ने आई जी कानपुर रहते हुये अपराधियों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाया, तब कई अपराधी पुराने मामलों में अपनी जमानत रद्द करवाकर जेल चले गये थे. मेरठ एसएसपी रहते हुये आलोक सिंह ने हाजी इजलाल जैसे गैंगस्टर/माफियाओं पर कार्रवाई कराई जिसमें हाजी इजलाल अभी भी जेल में निरूद्ध है.


आलोक सिंह अभी तक की पुलिस सेवा में कौशाम्बी, बागपत, बस्ती, सोनभद्र, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बिजनौर ,कानपुर, मेरठ के कप्तान रह चुके हैं. इसके अलावा वह लखनऊ में सहायक पुलिस अधीक्षक होते हुये सीओ अलीगंज रहे थे व 32वीं व 35वीं वाहिनी लखनऊ तथा 37वीं वाहिनी कानपुर में सेनानायक के पद पर सेवा दे चुके हैं.