Noida News: 40 दिनों में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने करवाई मलेरिया जांच, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जानिए- कितने मामले आए
UP News: जिनकी जांच हुई उनमें 99 प्रतिशत लोगों को मलेरिया नहीं था यानी 10 हजार से ज्यादा लोगों की जांच तो हुई है लेकिन मलेरिया की पुष्टि केवल 12 लोगों में हुई है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) जिले में बीते कई दिनों में मलेरिया के संदिग्धों की संख्या बढ़ी है. आलम यह है कि बीते 40 दिनों में कुल 10 हजार से ज्यादा लोगों ने मलेरिया की जांच (Malaria Test) करवा ली है. इन लोगों में बुखार, ठंड लगने के अलावा थकान, बेचैनी होना, सिरदर्द, उल्टी जैसी शिकायतें है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इतने लोगों में से जिनकी जांच हुई 99 प्रतिशत लोगों को मलेरिया नहीं था यानी 10 हजार से ज्यादा लोगों की जांच तो हुई है लेकिन मलेरिया की पुष्टि केवल 12 लोगों में हुई है.
मलेरिया संदिग्धों में इजाफा
एक ओर जहां कुछ महीने पहले ही कोरोना की तीसरी लहर की गति में विराम लगा है उसके बाद अब जिले में मलेरिया संदिग्धों की संख्या में इजाफा होने लगा है. राहत की बात है कि यह मरीज मलेरिया पीड़ित नहीं है लेकिन लक्षण सबको मलेरिया वाले ही हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो यह मरीज सामान्य दवाओं से ही दो-तीन दिन में ठीक हो रहे हैं यानी इनकी स्थिति में दवाई लेते ही सुधार हो रहा है.
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
हालांकि, मलेरिया संदिग्ध मरीजों कि संख्या को बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है और विभाग ने अभी निजी अस्पतालों को भी इसके खिलाफ तैयार रहने के लिए अलर्ट कर दिया है जिसके बाद जिले में जितने भी अस्पताल हैं सबको हर दिन बुखार के मरीजों की संख्या, कितने जांच हुए इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी.
रोजाना 250 मरीजों की जांच
अगर स्वास्थ्य विभाग की माने तो जिले में रोजाना 250 से ज्यादा मरीजों की मलेरिया जांच की जा रही है. यह आंकड़े सिर्फ सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के हैं. लेकिन इन आंकड़ों में अगर निजी अस्पतालों को जोड़ा जाए तो मलेरिया की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा निकलेगी. जिले में बढ़ती जांच को लेकर जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि लोगों में जो लक्षण आ रहे हैं उन्हे मलेरिया जैसा माना जा रहा है.
अधिकारी ने क्या बताया
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया, अगर साल 2021 की बात करें तो पिछले साल जून महीने में सिर्फ 2 हजार मरीजों की जांच हुई थी, लेकिन इस वर्ष जून में 7,953 मरीजों की जांच कराई गई है. उन्होंने बताया कि जिन मरीजों की मलेरिया रिपोर्ट निगेटिव आ जाए लेकिन फिर भी लक्षण हों उन्हे भी दवाई लेने की जरूरत है क्योंकि इलाज नहीं लेने से वो ज्यादा बीमार हो सकते है.
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